मदन सिंह
मौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिक डॉ0 एस0एन0 सुनील पांडेय ने मौसम की जानकारी देते हुए बताया की इंसानी शरीर का सामान्य तापमान 98.9 डिग्री फॉरेनहाइट होता है. जो आपके आसापास के वातावरण यानी बाहरी तापमान के 37 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है. विज्ञान के मुताबकि इंसान गर्म खून वाला स्तनधारी जीव है. जो 42 डिग्री सेल्सियस तक तापमान सह सकता है. इंसान के शरीर में एक खास तंत्र ‘होमियोस्टैसिस’ होता है, इंसान को इस तापमान में भी सुरक्षित रखता है.ये तापमान सहने में हो जाती है परेशानीजैसा हमने बताया कि 42 डिग्री तापमान में इंसान जीवित रह सकता है वहीं इससे ज्यादा तापमान इंसानी शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक गर्मी से होने वाली मौतों में 257 फीसदी तक वृद्धि हो जाएगी. विज्ञान कहता है कि इंसान का शरीर 35 से 37 डिग्री तापमान बिना किसी परेशानी के सह सकता है वहीं यही तापमान जब 40 डिग्री हो जाता है तो लोगों को परेशानी होने लगती है. इसे लेकर की गईं रिसर्चों की मानें तो इंसानों के लिए 50 डिग्री का अधिकतम तापपमान बर्दाश्त करना खासा मुश्किल हो जाता है.वहीं यदि तापमान इससे ज्यादा पहुंच जाता है तो वो जिंदगी को खासा जोखिम भी पहुंच सकता है. मेडिकल जर्नल लैंसेट की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2000-04 और 2017-2021 के बीच के 8 सालों में भारत में गर्मी का प्रकोप अत्यधिक ज्यादा रहा, साथ ही इस दौरान गर्मी से होने वाली मौतों में 55 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.कब और कैसे गर्मी बन जाती है मौत की वजह?स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यदि पारा 45 डिग्री हो तो बेहोशी, चक्कर या घबराहट जैसी शिकायतों के चलते ब्लड प्रेशर कम होने जैसी परेशानी आम शिकायतें हैं. वहीं, यदि आप 48 से 50 डिग्री या उससे ज्यादा तापमान में बहुत देर रहते हैं तो मांसपेशियां पूरी तरह जवाब दे सकती हैं जो मौत भी बन सकती है.