न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में ग्राम्य विकास विभाग की मनरेगा योजना के तहत जरूरमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। गरीब, मजदूर, महिला या फिर दिव्यांग हो, सभी को रोजगार पाने का अधिकार है। दिव्यांग की श्रेणी में आने वाले लोगों को भी मनरेगा योजना के अंतर्गत विभिन्न कार्यों से जोड़कर रोजगार दिया जा रहा है।
दिव्यांग जनों को उनकी योग्यता, कार्यकुशलता, क्षमता के आधार पर कार्य उपलब्ध कराया जाता है। उत्तर प्रदेश सरकार लगातार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिये कार्यरत है। सरकार की मंशा के अनुसार कार्य करने के लिए ग्राम्य विकास विभाग की मनरेगा योजना के तरह जरूरमंद को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसे लोग जो दिव्यांग है, उन्हें मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका को आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
वर्ष 2017-18 से अबतक 1.24 लाख से ज्यादा दिव्यांग जनों को मनरेगा के तहत रोजगार उपलब्ध कराया गया है, इनके द्वारा 44.64 लाख मानव दिवस सृजित किये गये हैं। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 की बात करें तो इस वर्ष अब तक 50,201 पंजीकृत दिव्यांगजन जाब कार्ड धारकों में से 23,262 दिव्यांगजनों को मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध भी कराया गया है। जबकि दिव्यांगजनों के मानव दिवस सृजन की बात करें तो इस वर्ष अब तक 8,28,281 मानव दिवस सृजित किये गये हैं।
बीते 4 वर्षों की तुलना की जाये तो वर्ष 2017-18 से लेकर 2024-25 तक दिव्यांगों को रोजगार उपलब्ध कराने में वर्ष 2024-25 में प्रगति ऐतिहासिक रही है। वर्ष 2017-18 में 11,332, वर्ष 2018-19 में 10,993, वर्ष 2019-20 में 10,699, वर्ष 2020-21 में 17,400 , वर्ष 2021-22 में 14,065, वर्ष 2022-23 में 13,948, वर्ष 2023-24 में 22,630 जबकि वर्ष 2024-25 में अब तक 23,262 दिव्यांगजनों को मनरेगा के तहत कार्य उपलब्ध भी कराया गया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में की प्रगति बीते वर्षों की तुलना में सर्वाधिक है।
आयुक्त, ग्राम्य विकास, उत्तर प्रदेश श्री जी0एस0 प्रियदर्शी ने बताया कि मनरेगा योजनांतर्गत मांग के अनुरूप श्रमिकों को 100 दिवस का रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। गरीब मजदूर हो, महिला हो या फिर दिव्यांग सभी को उनकी मांग के आधार पर योजनांतर्गत कार्य उपलब्ध कराया जा रहा है। दिव्यांग जनों को भी मांग के अनुसार कार्य उपलब्ध कराकर उनकी आजीविका को आसान बनाने का प्रयास किया जा रहा है।