न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)
लखनऊ। प्रदेश के राज्यमंत्री समाज कल्याण संजीव कुमार गोंड ने कहा है कि जनजाति समाज के लोकनायक बिरसा मुण्डा की 148वीं जयन्ती के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा विभिन्न संस्थाओं के संयुक्त तत्वाधान में 15 से 21 नवम्बर को भव्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में लगभग 14 राज्यों के जनजाति समाज से जुड़ी संस्कृति, संस्कार, परम्पराओं, रीति-रिवाज, खानपान, भेष-भूषा, नृत्य एवं गीत, खेल-कूद तथा विभिन्न शिल्प कलाओं एवं वाद्ययंत्रों का प्रदर्शन संस्कृति नाटक अकादमी लखनऊ में किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों के कल्याण हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों को भी प्रदर्शित किया जायेगा।राज्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातियों के कल्याण के लिए कटिबद्ध है। इस कार्यक्रम में प्रदेश की राज्यपाल आनन्दीबेन पटेल, मा0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह के अलावा जनजाति कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की सहभागिता होगी। कार्यक्रम का शुभारम्भ 15 नवम्बर, 2023 को शाम 04 बजे से शुरू होगा। लोकनायक बिरसामुण्डा की जयन्ती को जनजाति गौरव दिवस के रूप में मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा पिछले साल घोषणा की गयी थी।
उसी क्रम में राज्य सरकार द्वारा इस समारोह का आयोजन भव्य तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रदेशों के जनजातीय समूहों के गौरवशाली इतिहास एवं समृद्ध विरासत की झलक मिलेगी। उन्होंने कहा कि इस समारोह के माध्यम से आदिवासी समाज की विलुप्त होती आ रही लोक कलाओं को जीवंत बनाने का अनूठा प्रयास किया गया है।प्रमुख सचिव पर्यटन संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य श्री मुकेश मेश्राम ने कहा कि लोकनायक बिरसामुण्डा आदिवासी समाज के भगवान के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और अपने समाज को मुख्यधारा में जोड़ने का मार्ग प्रशस्त किया। बिरसामुण्डा आदिवासियों की आवाज बनकर उभरे। उनके संघर्ष एवं योगदान को जीवंत बनाने तथा पूरे देश के आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत को आज की युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए 15 नवम्बर से 21 नवम्बर तक जनजाति गौरव दिवस का आयोजन किया जा रहा है। इसमें विभिन्न विभाग शामिल हैं।प्रमुख सचिव ने कहा कि इस अवधि के दौरान जनजाति बाहुल्य जनपदों के जिलाधिकारियों के निर्देशन में आदिवासी समाज के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। देश के लगभग 20 राज्यों के आदिवासियों को आमंत्रित किया गया था।जिसमें से 14 राज्यों ने इस समारोह में भाग लेने की सहमति दी है। उन्होंने कहा कि इस भव्य आयोजन के माध्यम से सांस्कृतिक आदान प्रदान होगा।
साथ ही आदिवासियों के परिधान, शिल्प, नृत्य, गीत संगीत, वाद्ययंत्र आदि का प्रदर्शन किया जायेगा। यह कार्यक्रम आदिवासियों की विलुप्त होती जा रही संस्कृति को जीवित रखने के लिए आयोजित किया गया है। जनपद बलरामपुर के इमिलिया कोडर में नवनिर्मित थारू जनजाति संग्रहालय का निर्माण कराया गया है।प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा0 हरिओम ने इस अवसर पर कहा कि एक सप्ताह तक चलने वाले जनजाति गौरव दिवस के दौरान आदिवासी समाज से जुड़े विभिन्न आयामों का प्रदर्शन किया जायेगा। इस अवसर पर जनजाति कवि सम्मेलन, खेल-कूद का आयोजन के अलावा परिधान, व्यंजन का प्रदर्शन तथा जनजातीय जीवन की झलक प्रस्तुत की जायेगी। इस कार्यक्रम को संविधान दिवस 26 नवम्बर, 2023 तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा। प्रदेश के कई संस्थान मिलकर इस आयोजन को सफल बनायेगे। इसमें जनजाति कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की भी भूमिका होगी। इस कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में मनाया जायेगा। प्रदेश के 19 जनपदों में जनजाति समाज के लोग पाये जाते हैं। संबंधित जनपदों के जिलाधिकारी की देखरेख में कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।इस अवसर पर लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक श्री अतुल द्विवेदी, संस्कृति विभाग व उ0प्र0 जनजाति विकास विभाग, पर्यटन विभाग के अधिकारी एवं अन्य महानुभाव उपस्थित थे।