December 23, 2024 4:31 am

पेराई सत्र 2023-24 में गन्ना पर्चियां केवल एस.एम.एस. पर्ची के रूप में गन्ना किसानों के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजी जा रहीं हैं

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

लखनऊ। प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एवं चीनी, प्रभु एन. सिंह ने अवगत कराया कि आसन्न पेराई सत्र 2023-24 में प्रदेश के गन्ना कृषकों को गन्ना पर्चियां केवल पर्ची के रूप में उनके मोबाइल फोन पर प्रेषित की जा रही है। इसलिए यह आवश्यक है कि ई.आर.पी. पर गन्ना कृषकों का सही मोबाइल नंबर पंजीकृत हो। इस हेतु उन्होंने गन्ना कृषकों से अपील की है कि वे अपने पंजीकृत मोबाइल नंबर की जांच कर लें, यदि नम्बर गलत है तो अपने गन्ना पर्यवेक्षक के माध्यम से अथवा एप पर स्वयं अपना सही मोबाइल नंबर अपडेट कर लें। इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए श्री सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा किसानों को गन्ना आपूर्ति हेतु उनके मोबाइल पर प्रेषित की जाने वाली लगभग 10 प्रतिशत एस.एम.एस. गन्ना पर्चियों की डिलीवरी प्रतिदिन फेल हो रही है, क्योंकि किसानों के ई.आर.पी. पर पंजीकृत मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र में उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं या उनके मोबाइल का इनबॉक्स भरा होने, मोबाइल स्विच ऑफ होने एवं डी.एन.डी. एक्टिवेट होने की स्थिति में पर्ची का संदेश 24 घंटे के पश्चात स्वतः निरस्त हो जाता है। इस कारण किसानों को अपनी पर्ची की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है।

इस तकनीकी समस्या के निवारण के लिये अनिवार्य है कि सभी किसान भाई एस.एम.एस. पर्ची प्राप्त करने के लिये अपने मोबाइल को नेटवर्क क्षेत्र में रखें, अपने मोबाइल का एस.एम.एस. इनबॉक्स खाली रखें तथा मोबाइल को चार्ज करके सदैव चालू दशा में रखें तथा डी.एन.डी. सर्विस को एक्टिवेट न करें ताकि सर्वर द्वारा प्रेषित एस.एम.एस. गन्ना पर्ची उनके मोबाइल पर उन्हें रियल टाइम में प्राप्त हो जाए। पर्ची निर्गमन की यह व्यवस्था पूर्णतयाः पारदर्शी है। इस व्यवस्था में किसान के मोबाइल नंबर पर पर्ची भेजे जाने से किसान को तत्काल पर्ची प्राप्त होगी और समय से पर्ची मिल जाने के कारण ताजा गन्ना मिल को आपूर्ति होगा जिससे किसान गन्ने की सूख से होने वाली हानि से भी बच पाएंगे। श्री सिंह ने सभी परिक्षेत्रीय अधिकारियों एवं जिला गन्ना अधिकारियों को भी निर्देशित किया है कि वह इसका व्यापक प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करते हुए एक अभियान चलाकर सभी गन्ना किसानों के सही मोबाइल नंबर अपडेट कराना सुनिश्चित करें ताकि कृषकों को गन्ना आपूर्ति में कोई असुविधा न हो।

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