लखनऊ। लखनऊ की ऐतिहासिक गलियों में संस्कृति और इतिहास की जीवंत झलक देखने को मिली, जब इंटैक लखनऊ चैप्टर और खुन-खुन जी गर्ल्स पी.जी. कॉलेज, चौक, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में एक विरासत यात्रा का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डॉ. नीतू अग्रवाल (संयोजिका, इंटैक लखनऊ चैप्टर), डॉ. पारुल सिंह (सदस्य, इंटैक) तथा डॉ. विजेता दीक्षित द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
यह यात्रा छतर मंज़िल से प्रारंभ होकर सफ़ेद बारादरी तक सम्पन्न हुई, जिसमें कॉलेज की छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
छतर मंज़िल का ऐतिहासिक महत्व
छतर मंज़िल, लखनऊ की प्रसिद्ध नवाबी धरोहरों में से एक है। इसका निर्माण नवाब ग़ाज़ीउद्दीन हैदर ने आरंभ किया था और इसे नवाब नासिरुद्दीन हैदर ने पूर्ण करवाया। इसकी छत पर स्थित गुंबदनुमा ‘छतरी’ के कारण इसे ‘छतर मंज़िल’ कहा जाता है। यह भवन एक समय नवाबों का आवासीय महल था और इसकी वास्तुकला में इंडो-यूरोपीयन शैली की झलक देखने को मिलती है।
छात्राओं ने इस यात्रा के दौरान निम्नलिखित अन्य ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण किया: जनरल की कोठी, कोठी नासिरुद्दीन हैदर, लाल बारादरी
गोल दरवाज़ा, परीख़ाना, सफ़ेद बारादरी । छात्राओं ने जनरल की कोठी का दौरा किया, जहाँ एक विशेष डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया, जो लखनऊ के समृद्ध इतिहास, स्थापत्य कला, और सांस्कृतिक विरासत पर आधारित थी। छात्राओं ने इस डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से लखनऊ के नवाबी दौर की झलक, स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े प्रसंग, तथा शहर की स्थापत्य विविधता को और गहराई से समझा।इस पूरी यात्रा का मार्गदर्शन प्रसिद्ध विरासत विशेषज्ञ श्री शशांक ने किया, जो उत्तर प्रदेश सरकार से लाइसेंस प्राप्त पर्यटक मार्गदर्शक हैं। उन्होंने प्रत्येक स्थल की ऐतिहासिक महत्ता, स्थापत्य कला और उससे जुड़े रोचक प्रसंगों को विद्यार्थियों के समक्ष बड़े ही प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया। यह विरासत यात्रा न केवल शैक्षिक रूप से समृद्ध रही, बल्कि युवाओं में सांस्कृतिक चेतना और विरासत के प्रति सम्मान जागृत करने में भी सफल रही।