January 11, 2025 2:48 am

महाकुम्भ तथा प्रयागराज शहर का गौरव बढ़ाने हेतु हमारी जिम्मेदारी बनती कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं का अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग करें

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में आज हम नए उत्तर प्रदेश का दर्शन कर रहे हैं। इसकी नींव हमारे इन सभी महान नेताओं ने उस समय रखी थी जब संसाधन नहीं थे। शासन में विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करने के पश्चात भी स्वयं के लिए कुछ अर्जित करने का भाव उनके मन में नहीं रहा। देश व समाज को हमेशा कुछ देने का जज्बा रहा। यही भाव स्मरणीय बनता है। यह भाव देश के प्रत्येक नागरिक में होना चाहिए। श्रीमती कमला बहुगुणा जी के व्यक्तित्व में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाजसेवी तथा संवेदनशील जनप्रतिनिधि के गुण देखने को मिलते हैं।

मुख्यमंत्री आज जनपद प्रयागराज में स्व0 श्रीमती कमला बहुगुणा जी की प्रतिमा का अनावरण करने के पश्चात इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि श्रीमती कमला बहुगुणा जी का जन्म प्रयागराज की धरती पर सन् 1924 में हुआ था। वह यहीं पर पली बढ़ीं। उन्होंने बाल्यावस्था में ही देश की आजादी की लड़ाई में भाग लिया। जब वह देश की आजादी की लड़ाई के दौरान ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ नारेबाजी कर रही थीं, तो मात्र 08 वर्ष की आयु में ही उन्हें अंग्रेजों का अत्याचार सहना पड़ा। जब उन्होंने घर जाकर अपनी माँ से इसकी शिकायत की तो उनकी माँ ने कहा कि देश की आजादी के लिए इस प्रकार की मार सहने का आदी बनना पड़ेगा। इससे उनके मनोबल में और अधिक वृद्धि हुई। इसके पश्चात उन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रयागराज कुम्भ-2019 के दौरान उन्हें श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए बनाए गए एक शिविर में जाने का अवसर प्राप्त हुआ। वहां उपस्थित लोगों ने उन्हें अवगत कराया था कि उस शिविर का शुभारम्भ वर्ष 1954 में श्रीमती कमला बहुगुणा ने किया था। 70 वर्ष पूर्व श्रद्धालुओं के लिए इस प्रकार का प्रयास करना एक कल्पना थी। श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी द्वारा अपनी माँ की परम्परा को आगे बढ़ते हुए, वह शिविर आज भी चलाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा का जन्म उत्तराखण्ड के उसी जनपद में हुआ जहां मेरा जन्म हुआ। वह उच्च शिक्षा प्राप्त करने लिए प्रयागराज आए। उन्होंने देश की आजादी के आन्दोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा देश को आजाद कराने के जज्बे के साथ सन् 1942 में जेल की यातना को भी सहा। स्वतंत्र भारत में व्यवस्था का संचालन कैसे होना चाहिए, देश की स्वतंत्रता के उपरान्त यह बहुगुणा जी की कार्यशैली में दृढ़ता से दिखाई देता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस समय बहुगुणा जी ने सत्ता का परित्याग किया था, उस समय वह मुख्यमंत्री थे। जहां पर देश तथा लोकतंत्र का प्रश्न होगा तो हम लोग किसी भी मुद्दे पर साथ आकर देश के बारे में सोचेंगे। यह सोच बहुगुणा परिवार में रही है। उन्होंने कहा कि स्व0 हेमवती नन्दन बहुगुणा जी के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में योजना भवन, लखनऊ में स्थापित उनकी भव्य प्रतिमा का अनावरण करने का मुझे अवसर प्राप्त हुआ था। श्रीमती कमला बहुगुणा जी के शताब्दी महोत्सव में आज उनकी प्रतिमा का अनावरण करने का अवसर भी मुझे ही प्राप्त हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रत्येक व्यक्ति प्रयागराज आना चाहता है। मनुष्यों के साथ-साथ अन्य योनियों से जुड़े हुए जीव-जन्तु, देवतागण भी प्रयागराज महाकुम्भ के साक्षी बनने वाले हैं। प्रयागराज को भव्य व दिव्य रूप में प्रस्तुत करना तथा स्वच्छ प्रयागराज की परिकल्पना को साकार करना हम सभी का कर्तव्य है। महाकुम्भ तथा प्रयागराज शहर का गौरव बढ़ाने हेतु हमारी जिम्मेदारी बनती है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं का अपने सामर्थ्य के अनुसार सहयोग करें।

प्रदेश की पूर्व मंत्री श्रीमती रीता बहुगुणा जोशी तथा उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री विजय बहुगुणा ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायाधीश डॉ0 गौतम चौधरी, प्रयागराज के महापौर l उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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