मलिहाबाद लखनऊ। (संवाददाता) राजधानी लखनऊ के मलिहाबाद क्षेत्र की व्हीलचेयर यूजर अमिता कश्यप को रामनगरी अयोध्या में किया गया सम्मानित।
विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में 8 दिसंबर को आयोजित हुए कार्यक्रम में लखनऊ की व्हीलचेयर मॉडल व रक्तदान महादान कार्यकारिणी की राष्ट्रीय कार्यकर्ता अमिता कश्यप ने भी भाग लिया था, जहां मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति विपिन चंद्र मिश्र की उपस्थिति में श्री नारायण यादव जी (शिक्षक व समाजसेवी) और उनके टीम “अनाम स्नेह परिवार” के द्वारा दिव्यांगजन स्वाभिमान पुरस्कार से अमिता कश्यप को सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह हनुमत निवास लक्ष्मण घाट के सभागार मे आयोजित किया गया था।
इस भव्य दिव्यांग़ समारोह में भारत के अनेक राज्यों से आए दिव्यांग जनों ने भाग लिया था। शिक्षक श्री नारायण यादव जी एक उत्कृष्ट समाजसेवी हैं और वे दिव्यांग जनों के लिए हर साल इस तरह के कार्यक्रम कराकर दिव्यांग जनों की हौसला अफजाई करते रहते हैं। मुख्य अतिथि श्री न्यायमूर्ति जी ने दिव्यांगों का उत्साह वर्धन करते हुए बताया कि दिव्यांग किसी से कमजोर नहीं है अपने आत्मविश्वास को बनाए रखिए और आगे बढ़ते रहिए। सम्मान समारोह के साथ-साथ कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया। जिसमें कई कवि गणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सम्मान प्राप्त किया। व्हीलचेयर यूजर अमिता कश्यप को रामनगरी अयोध्या में किया गया सम्मानित
विश्व दिव्यांग दिवस के उपलक्ष्य में 8 दिसंबर को आयोजित हुए कार्यक्रम में लखनऊ की व्हीलचेयर मॉडल व रक्तदान महादान कार्यकारिणी की राष्ट्रीय कार्यकर्ता अमिता कश्यप ने भी भाग लिया था, जहां मुख्य अतिथि माननीय न्यायमूर्ति विपिन चंद्र मिश्र की उपस्थिति में श्री नारायण यादव जी (शिक्षक व समाजसेवी) और उनके टीम “अनाम स्नेह परिवार” के द्वारा दिव्यांगजन स्वाभिमान पुरस्कार से अमिता कश्यप को सम्मानित किया गया। यह सम्मान समारोह हनुमत निवास लक्ष्मण घाट के सभागार में आयोजित किया गया था।
इस भव्य दिव्यांग़ समारोह में भारत के अनेक राज्यों से आए दिव्यांग जनों ने भाग लिया था। शिक्षक श्री नारायण यादव जी एक उत्कृष्ट समाजसेवी हैं और वे दिव्यांग जनों के लिए हर साल इस तरह के कार्यक्रम कराकर दिव्यांग जनों की हौसला अफजाई करते रहते हैं। मुख्य अतिथि श्री न्यायमूर्ति जी ने दिव्यांगों का उत्साह वर्धन करते हुए बताया कि दिव्यांग किसी से कमजोर नहीं है,अपने आत्मविश्वास को बनाए रखिए और आगे बढ़ते रहिए। सम्मान समारोह के साथ-साथ कवि सम्मेलन भी आयोजित किया गया जिसमें कई कवि गणों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और सम्मान प्राप्त किया।