न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के जानकीपुरम, लखनऊ स्थित रिमोट सेंसिंग एप्लिकेशन सेंटर में आज दो दिवसीय प्री सिमपोजियम का शुभारंभ हुआ। ‘‘रिमोट सेन्सिंग फॉर सस्टेनेबल फ्यूचरः ए रोडमैप टूवार्डस् विकसित भारत’’ विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी के अंतर्गत पूर्व-ट्यूटोरियल सत्र आयोजित किए गए।
इस कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विशेष सचिव और निदेशक ( रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन सेन्टर, लखनऊ), शीलधर सिंह यादव (आईएएस) ने मुख्य अतिथि के रूप में किया।
पूर्व-ट्यूटोरियल सत्रों में लिडार तकनीक, बाथीमेट्रिक सर्वेक्षण, उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह डेटा, और ड्रोन तकनीक के लोक कल्याणकारी और व्यावहारिक उपयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। संगोष्ठी में इन तकनीकों को सतत विकास, स्मार्ट सिटी निर्माण, और पर्यावरणीय स्थिरता के संदर्भ में लागू करने के तरीकों पर चर्चा की जा रही है।
इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से आए 100 से अधिक छात्र और विशेषज्ञ, जिनमें तमिलनाडु, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, और उत्तराखंड के प्रतिभागियों ने भाग लिया।इस संगोष्ठी का आयोजन भारतीय रिमोट सेंसिंग सोसाइटी और भारतीय जियोमैटिक्स सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।
आयोजन समिति में प्रमुख रूप से प्रवीण के. ठाकुर (सचिव, भारतीय रिमोट सेंसिंग सोसाइटी), ए. के. अग्रवाल (अध्यक्ष, भारतीय रिमोट सेंसिंग सोसाइटी, लखनऊ चैप्टर), और डॉ. एम. एस. यादव (आयोजन सचिव एवं प्रमुख वैज्ञानिक, मृदा संसाधन प्रभाग) एवं अन्य प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और फैकल्टी शामिल हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सुधाकर शुक्ला, वैज्ञानिक एवं प्रभाग अध्यक्ष (जियोमैटिक्स), द्वारा किया गया।