न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। प्रदेश के गन्ना एवं चीनी आयुक्त श्री प्रभु एन0 सिंह ने बताया कि पेराई सत्र 2024-25 प्रारम्भ होने के साथ-साथ चीनी मिलों द्वारा गन्ना खरीद का कार्य भी प्रगति पर है। चीनी मिलों का संचालन एवं गन्ना खरीद का कार्य सर्दियों के मौसम में होता है। इस दौरान ठंडक के साथ ही घना कोहरा भी छा जाता है। इस कारण सड़क पर वाहनों की दृश्यता कम होने से दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। इन दुर्घटनाओं की सम्भावनाओं के दृष्टिगत गन्ना ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले वाहनों में लाल व पीले रंगां की रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाने संबंधी निर्देश जारी किये गये हैं।
उन्होंने बताया कि सड़कों के नियमित यातायात वाहनों पर रिफ्लेक्टर अथवा पीला प्रकाश एवं बल्ब की व्यवस्था होने के कारण इनकी दृश्यता दूर से हो जाती है, किन्तु गन्ना किसानों की बुग्गी, बैलगाड़ी, ट्राली आदि में प्रायः रिफ्लेक्टर नहीं लगे होते हैं अथवा गन्ना लादने पर रिफ्लेक्टर ढक जाते हैं। जिसके कारण वाहन गन्ना लेकर अपने क्रय केन्द्रों अथवा मिल गेट पर सड़क मार्ग से गुजरते हैं तो दूर से दिखाई नहीं पड़ते। जिससे तेज गति से चलने वाले वाहनों से दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावनायें बनी रहती हैं। इन संभावनाओं को रोकने के लिये ट्रैक्टर-ट्रालियों के दोनों कोनों पर छह-छह इंच की लाल एवं पीले रंग की फ्लोरेसेन्ट पेन्ट तथा ट्रकों के अगले एवं पिछले बम्फर पर लाल एवं पीले रंग की फ्लोरेसेन्ट पट्टियां एवं गन्ना ढुलाई हेतु प्रयुक्त बुग्गियों के पिछले हिस्से पर लोहे की पट्टी लगाते हुए उस पर लाल एवं पीले रंग के फ्लोरेसेन्ट पेन्ट लगाया जाना अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिले के सहायक सम्भागीय परिवहन अधिकारी (प्रवर्तन), राजस्व एवं पुलिस अधिकारियों तथा चीनी मिल प्रबन्धन के साथ समन्वय स्थापित कर गन्ना ढुलाई में प्रयुक्त होने वाले वाहनों में रिफ्लेक्टर पट्टी लगाये जाने का अभियान चलाया जाए और यह कार्य सीजन के दौरान दो से तीन बार किया जाए जिससे पूरे सीजन इन वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगा रहे और सड़कों पर आवागमन के समय दूर से दिखाई दे सके। यह कार्य समस्त चीनी मिलें अपने-अपने क्षेत्र में अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करेंगी।
उन्होंने बताया कि परिक्षेत्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि कृषकों से चीनी मिल यार्ड में मुलाकात कर उन्हें अन्य विभागीय कार्यों की जानकारी देते हुए उनसे फीडबैक भी प्राप्त करें, जिससे गन्ना कृषकों को यदि कोई व्यावहारिक समस्या आ रही हो तो उसका तत्परता से निस्तारण कराया जा सके। परिक्षेत्रीय अधिकारी पेराई सत्र के दौरान समय-समय पर उपरोक्त का अनुश्रवण भी सुनिश्चित करेंगे।