न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि ’हर काम देश के नाम’ अर्थात् हमारा प्रत्येक कार्य देश के लिए होना चाहिए। हमारा कोई व्यक्तिगत अस्तित्व नहीं है। यदि हमारा देश सुरक्षित है, तो हमारा धर्म भी सुरक्षित है। यदि हमारा धर्म सुरक्षित है, तो हम भी सुरक्षित हैं। व्यक्तिगत स्वार्थ, मत, मजहब तथा समाज से ऊपर उठकर सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप भारत की आध्यात्मिक तथा वैदिक परम्परा का अनुसरण करते हुए हमारा हर काम देश के नाम होना चाहिए।
मुख्यमंत्री आज जनपद वाराणसी में स्वर्वेद महामंदिर धाम ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजित विहंगम योग संत समाज के शताब्दी समारोह के आयोजन के क्रम में 25 हजार कुण्डीय स्वर्वेद महायज्ञ के कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज हम सभी विहंगम योग संत समाज के कार्यक्रम में सम्मिलित हो रहे हैं। यह उस विरासत का सम्मान है जो आज से 100 वर्ष पूर्व सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज ने प्रारम्भ की थी। आचार्य स्वतंत्रदेव महाराज, संत प्रवर विज्ञानदेव महाराज इस परम्परा को मजबूती के साथ आगे बढ़ाते हुए जन जागरण के एक बृहद् अभियान के साथ जुड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी एक अत्यन्त समृद्ध आध्यात्मिक परम्परा के माध्यम से राष्ट्र धर्म के लिए समर्पित एक महत्वपूर्ण कड़ी के साथ स्वयं को जोड़ रहे हैं। 18 दिसंबर 2023 को इस समारोह का शुभारम्भ दुनिया के सबसे लोकप्रिय राजनेता भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री ने यहां पर किया था।
शताब्दी महोत्सव के अवसर पर स्वर्वेद महामंदिर के भव्य उद्घाटन का कार्य भी प्रधानमंत्री जी के कर कमलों द्वारा किया गया था। लाखों लोग इस कार्यक्रम के साक्षी बने थे। यह उनका सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री जी ने जिस स्वर्वेद महामंदिर का 01 वर्ष पूर्व उद्घाटन पूर्व किया था उस मन्दिर में विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
प्रधानमंत्री ने उस समय विहंगम योग संत समाज और स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट के कार्यों की सराहना की थी। इसके पूर्व भी हमें वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री जी के सान्निध्य में इस कार्यक्रम में सहभागी बनने का अवसर प्राप्त हुआ था। आज शताब्दी महोत्सव कार्यक्रम के अवसर पर बाबा विश्वनाथ की धरा पर 25000 कुण्डीय स्वर्वेद महायज्ञ का भव्य आयोजन किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस समारोह में लाखों की संख्या में लोग आए हैं। विज्ञानदेव जी महाराज के मार्गदर्शन में यहां नियोजित व वैज्ञानिक पद्धति से पण्डाल लगाए गए हैं। हमारा अध्यात्म लकीर का फकीर नहीं बल्कि विज्ञान व तकनीक को अपना कर नियोजित तरीके से कार्य करने वाला है। स्वयंसेवक भी पूर्ण समर्पण भाव के साथ कार्य कर रहे हैं। यही भारतीयता तथा सनातन धर्म है जो सबको अपने साथ जोड़ने की सामर्थ्य रखता है। आप सभी के आगमन से यह क्षेत्र भी तीर्थ के रूप में विकसित हो गया है। यहां संत समाज का समागम तथा 25 हजार कुण्डीय स्वर्वेद महायज्ञ का आयोजन विहंगम दृश्य प्रस्तुत कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरा पर बलिया जनपद के एक छोटे से गांव में सन् 1888 में सद्गुरु सदाफल देव जी महाराज का अवतरण हुआ। सन् 1924 में उन्होंने विहंगम योग संत समाज की स्थापना की। उन्होंने उत्तराखण्ड में स्वर्वेद की रचना की। उत्तराखण्ड में भी उनकी दिव्य विभूति के दर्शन होते हैं। उन्होंने देश के अलग-अलग भागों में अध्यात्म तथा धर्म का प्रचार किया।
कितना दुर्लभ संयोग है कि जब विहंगम योग संत समाज अपने शताब्दी महोत्सव के कार्यक्रम के साथ जुड़ रहा है तो हम लोग भी इस कार्यक्रम के साक्षी बने हैं। एक संत की यौगिक साधना का प्रसाद आज हम सबको प्राप्त हो रहा है। आप सब सौभाग्यशाली हैं कि विहंगम योग संत समाज अपने पुरुषार्थ द्वारा आज स्वर्वेद महामंदिर ट्रस्ट के माध्यम से दिव्य और भव्य मंदिर का निर्माण कर कोटि कोटि श्रद्धालुजनों को भारत की योग परम्परा तथा आध्यात्मिक धारा के साथ जोड़ने के लिए कृतसंकल्पित दिखाई दे रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज की चर्चा करते हैं, तो पता चलता है कि उन्होंने आध्यात्मिक अभियान को आगे बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने यह सिद्ध भी कर दिया कि एक सच्चा संत देश और समाज की परिस्थितियों से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहता है। वह हाथ पर हाथ रखकर चुपचाप नहीं बैठ सकता। देश की स्वतंत्रता के लिए सद्गुरु सदाफल जी महाराज ने आजादी के आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी नई काशी का दर्शन कर रहे हैं। काशी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है। उन्होंने विगत 10 वर्षों में काशी को विहंगम बना दिया है। काशी का कायाकल्प हो चुका है। यहां श्री काशी विश्वनाथ धाम है। काशी में नमो घाट देश व दुनिया का सबसे बड़ा घाट है, जहां पर हेलीपैड भी है। यहां बड़े-बड़े कार्यक्रम हो सकते हैं। यहां के घाट आज भव्य स्वरूप में देखने को मिलते हैं। काशी के सभी देव मंदिरों का कायाकल्प हो चुका है। यहां सड़क, रेल तथा वायु कनेक्टिविटी वर्ष 2014 के पूर्व की तुलना में सौ गुना बेहतर हो चुकी है।
काशी तथा हल्दिया के बीच जलमार्ग का उपयोग कर हम अपनी यात्रा को आगे बढ़ा सकते हैं। स्वास्थ्य, शिक्षा सहित विकास के विभिन्न पक्षों को लेकर आज काशी भव्यता को प्राप्त कर रही है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आज काशी के साथ साथ पूरा प्रदेश आगे बढ़ रहा है। हम सभी एक भारत श्रेष्ठ भारत के दर्शन कर रहे हैं। यहां पर विकास है तो विरासत का सम्मान भी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योग की परम्परा को वैश्विक मंच पर ले जाने का श्रेय प्रधानमंत्री जी को जाता है। प्रधानमंत्री की पहल पर 21 जून की तिथि अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनायी जाती है। आज दुनिया के 175 से अधिक देशों में लोग योग के साथ जुड़े हुए हैं। जब भी योग की चर्चा होगी तो दुनिया के लोगों के मन में भारत की ऋषि परम्परा के प्रति श्रद्धा का भाव उत्पन्न होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक कुम्भ यहां पर है और एक महाकुम्भ प्रयागराज में 13 जनवरी, 2025 से प्रारम्भ होने वाला है। प्रयागराज महाकुम्भ को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के रूप में मान्यता प्रदान की गई है। यह वर्ष हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। 22 जनवरी, 2024 को 500 वर्षों की प्रतीक्षा के पश्चात अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला प्रधानमंत्री के कर कमलों द्वारा स्वयं के भव्य मंदिर में विराजमान हुए। आप सभी ने उस दृश्य का अनुभव किया होगा। कौन ऐसा भारतीय तथा सनातन धर्मावलम्बी रहा होगा जिसकी आंखें न नम हुई हों। हर व्यक्ति अभिभूत, प्रफुलित तथा उत्साहित था। अपने जन्म जन्मांतर के पुण्यों को समेट रहा था। पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता निवेदित कर रहा था।
हमारे पूर्वजों का 500 वर्षों का जो संकल्प था वह इस धरा धाम पर प्रत्यक्ष रूप से पूर्ण होता हुआ दिखाई दे रहा था। प्रभु श्रीराम अयोध्या में विराजमान होकर हम सभी पर अपनी कृपा बरसा रहे थे। अच्छा नेतृत्व प्राप्त होता है तो ऐसे ही परिणाम आते हैं। विरासत का सम्मान हो रहा है तथा विकास के माध्यम से लोक कल्याण का बड़ा अभियान आगे बढ़ाया जा रहा है।
श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के करोड़ों लोगों की आशा के प्रतीक हैं। उन्होंने अपने पुरुषार्थ एवं परिश्रम से उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया है तथा राज्य में कानून का राज स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रयासां से काशी को लगातार संवारा जा रहा है। स्वर्वेद महामंदिर काशी की धार्मिक प्रतिष्ठा में चार चांद लगा रहा है।
आचार्य स्वतंत्रदेव महाराज ने मुख्यमंत्री का समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सान्निध्य प्राप्त होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि धर्म तथा नीति पर चलने वाला योगी ही जनता के लिए उपयोगी होता है। मुख्यमंत्री जी ने देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अनेक जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से लोगों का भला किया है।
संत विज्ञानदेव महाराज ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का ऊर्जावान नेतृत्व समारोह की शोभा बढ़ा रहा है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश उत्तम से सर्वोत्तम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है। देश के अन्य राज्यों के लोग योगी मॉडल की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी पहले से ही देश की सांस्कृतिक राजधानी रही है। आज स्वर्वेद मंदिर काशी की शोभा में और अधिक वृद्धि कर रहा है। भारतीय संस्कृति विश्व की आदि संस्कृति है।
इस अवसर पर स्वर्वेद महामंदिर धाम ट्रस्ट के पदाधिकारीगण, विहंगम योग संत समाज से जुड़े हुए श्रद्धालुजन तथा अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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