न्यूज ऑफ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान, पर्यटन विभाग, जनजातीय विकास विभाग, उ0प्र0 अनुसूचित जाति एवं जनजाति, शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान तथा इफ्को नई दिल्ली एवं उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में बिरसा मुण्डा जी की जयन्ती के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय जनजाति भागीदारी उत्सव का आयोजन 15 से 20 नवम्बर, 2024 तक उ0प्र0 संगीत नाटक अकादमी, गोमतीनगर लखनऊ के परिसर में किया जायेगा।यह जानकारी प्रेस प्रतिनिधियों को आज पर्यटन भवन में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश मेश्राम तथा प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा0 हरिओम ने दी। दोनों अधिकारियों ने बताया कि पर्यटन विभाग तथा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान, समाज कल्याण विभाग तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद नई दिल्ली व इफ्को टोकियो इस कार्यक्रम के प्रायोजक रहेंगे।
प्रेस कान्फ्रेंस में प्रमुख सचिव पर्यटन ने बताया कि इस अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी उत्सव में गुजरात, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, सिक्किम, उड़ीसा, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, अरूणांचल प्रदेश, गोवा, केरल, हिमांचल प्रदेश, असम, त्रिपुरा, झारखंड, पंजाब तथा उ0प्र0 सहित 22 राज्यों के 600 से अधिक कलाकार अपने पारम्परिक नृत्य, संगीत, परिधान, वादयंत्रों का प्रदर्शन करेंगे।श्री मेश्राम ने बताया कि इस आयोजन में हस्त शिल्प के 100 से अधिक स्टॉल लगाये जा रहे हैं। इसमें उत्तराखंड से इम्ब्रायडरी, हैंडलूम चादर, मध्य प्रदेश से बीडज्वैलरी, लेदरशिल्प, चंदेरी साड़ी तथा उ0प्र0 से खुर्दा पाट्री, ब्रास वर्क, बनारसी साड़ी, सुपारी के खिलौने तथा गाय के गोबर से बने उत्पाद व प्रधानमंत्री वनधन केन्द्रों में निर्मित उत्पाद आकर्षण का केन्द्र रहेंगे।
आयोजन में देशी व्यंजन के स्टॉल भी लगाये जायेंगे। इस उत्सव में स्लोवाकिया तथा वियतनाम के कलाकारों को आमंत्रित किया गया है।प्रमुख सचिव समाज कल्याण डा0 हरिओम ने बताया कि वर्ष 2022 में भारत सरकार द्वारा लोक नायक बिरसा मुण्डा के जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में घोषित किया गया है। इसके आयोजन हेतु सभी जिलों में 15 से 26 नवम्बर, 2024 तक जनजाति गौरव पखवाड़ा मनाया जायेगा, जिसके लिए सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखा गया है। मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा 02 अक्टूबर, 2024 को प्रारम्भ किये गये ’’धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ के तहत प्रदेश के 517 जनजाति बाहुल्य ग्रामों के सर्वांगीण विकास के लिए विभिन्न कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इस अवसर पर हरी झंडी दिखाकर वैन को रवाना किया।
डा0 हरिओम ने बताया कि इस अवधि में 22 राज्य, 38 लोकनृत्य प्रस्तुत करंेगे। इस आयोजन में शिल्प मेला, चाय चौपाल, पारम्परिक देशी खेल, पोथी घर जनजाति पुस्तकों की बिक्री आदि भी की जायेगी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का प्रमुख उद्देश्य देश की जनजातीय लोक परम्परा, लोक गायन, समृद्ध गौरवशाली इतिहास, भेष-भूषा व्यंजन तथा पारम्परिक मूल्यों से भावी पीढ़ी को परिचित कराया जा सके ताकि आज की युवा पीढ़ी अपनी समृद्धशाली विरासत पर गौरव महसूस कर सके। इस अवसर पर विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया एवं लोक जनजाति संस्थान के अध्यक्ष अतुल द्विवेदी तथा अन्य अधिकारी मौजूद थे।