न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश पौराणिक काल से ही आस्था का केन्द्र रहा है। यहां की धरती पर पग-पग पर महापुरूषों, ऋषियों, मुनियों तथा समाज को लोक कल्याण का संदेश देने वाले महामानवों की जन्म स्थली एवं कर्मस्थली पायी जाती है। इसी क्रम में भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े 06 प्रमुख स्थल उ0प्र0 में मौजूद हैं, जो देश-विदेश के बौद्ध अनुयायियों के लिए आकर्षण के केन्द्र हैं। श्रद्धालुओं की इन स्थलों पर भारी भीड़ देखते हुए राज्य सरकार ने भगवान बुद्ध से जुड़े स्थलों का 168.39 करोड़ रूपये की लागत से बुनियादी सुविधाओं का विकास कर रही है।
यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि 168.39 करोड़ रूपये से पर्यटन स्थल पर पर्यटक सुविधाओं के विकास की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। कुशीनगर, श्रावस्ती, कौशाम्बी, संकिसा, कपिलवस्तु व वाराणसी के सारनाथ समेत अन्य बौद्ध स्थलों पर अवस्थापना सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। इन प्रमुख बौद्ध स्थलों पर आने वाले श्रद्धालु एक सुखद अनुभूति का एहसास कर सके, इस दृष्टि से इन स्थलों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि कुशीनगर में लगभग 8.06 करोड़ से टूरिस्ट फैसिलिटेशन सेंटर, कुशीनगर रामाभार स्तूप के सन्निकट बुद्ध घाट पर लगभग 23.81 करोड़ रुपये से पर्यटन सुविधाओं का विकास और सौंदर्यीकरण कार्य कराया जाएगा। साथ ही यहां के मुख्य प्रवेश मार्गों पर 4.25 करोड़ से गेट कांप्लेक्स का निर्माण, कुशीनगर स्थित बौद्ध विहारों पर लगभग 3.57 करोड़ से पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि इसी तरह श्रावस्ती स्थित बौद्ध विहारों पर लगभग 6.78 करोड़ से पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा। कौशांबी में बौद्ध थीम पार्क का निर्माण लगभग 22.94 करोड़ की लागत से किया जाएगा। और लगभग 11.25 करोड़ रुपये से भगवान बुद्ध की 51 फीट ऊंची ध्यान मुद्रा में कांस्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। साथ ही ग्राम कोसम इनाम में गेट कांप्लेक्स का निर्माण लगभग 23.95 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। सिद्धार्थनगर स्थित कपिलवस्तु का समेकित पर्यटन विकास लगभग 9.77 करोड़ से किया जाएगा। यहां बौद्ध विहारों पर 4.63 करोड़ से पर्यटन सुविधाओं का सृजन किया जाएगा। कपिलवस्तु में विपश्यना केंद्र का निर्माण 24.37 करोड़ की लागत से किया जा रहा है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि भगवान बुद्ध की प्रथम उपदेश स्थली धमेक स्तूप पर 9.63 करोड़ रुपये से ध्वनि एवं प्रकाश कार्यक्रम, मूलगंध कुटी विहार पर लगभग 3.95 करोड़ से फसाड लाइट का कार्य किया जाएगा। फर्रूखाबाद जिले में लगभग 3.18 करोड़ से बौद्ध परिपथ क्षेत्र में साइनेज स्थापना का कार्य किया जाएगा। संकिसा में पर्यटकों की सुविधा के लिए लगभग 1.50 करोड़ से साइनेज का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह श्रावस्ती में पर्यटकों की सुविधा के लिए लगभग 3.61 करोड़ से साइनेज लगाए जाएंगे। वाराणसी में सारनाथ में पर्यटकों की सुविधाओं के लिए लगभग 3.17 करोड़ से साइनेज लगेंगे। यह प्रमुख योजनाएं है जिससे बौद्ध सर्किट के विकास की तैयारी है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि वाराणसी जिले में स्थित सारनाथ जहां 2,500 साल पहले भगवान बुद्ध ने अपने पहले पांच शिष्यों को ’चार आर्य सत्य’ का प्रथम धर्म उपदेश दिया था, जो 21वीं सदी में कई समस्याओं के समाधान के लिए प्रासंगिक है। कुशीनगर वह स्थान है, जहां गौतम बुद्ध ने महापरिनिर्वाण प्राप्त किया था। इन छह स्थलों के अलावा जिला महराजगंज में स्थित रामग्राम कोलिय साम्राज्य का प्रमुख नगर था। मान्यता है कि रामग्राम स्तूप में भगवान् बुद्ध के अवशेष मौजूद हैं।