न्यूज ऑफ़ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की सूचना तीन बार सार्वजनिक करना अनिवार्य होगा। इस निर्णय का उद्देश्य निर्वाचन प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता लाना है और मतदाताओं को उम्मीदवारों की वास्तविक जानकारी प्रदान करना है। यह निर्वाचन प्रक्रिया के सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम है। चुनाव प्रचार के दौरान समय-समय पर मतदाताओं की जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की सूचना को सार्वजनिक करने के लिए समयसीमा निर्धारित की गई है, जो नाम वापसी के अंतिम दिवस के बाद से प्रारम्भ होकर मतदान के 48 घंटे पूर्व तक तीन चरणों में प्रकाशित/प्रसारित कराया जाना है।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के क्रम में आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की सूचना को तीन बार सार्वजनिक करने की प्रक्रिया का पालन करना होगा।
पहला प्रकाशन नाम वापसी की तिथि के बाद 04 दिनां के भीतर कराना होगा। दूसरा प्रकाशन नाम वापसी की तिथि के बाद 05 से 08 दिनों में कराना होगा और तीसरा प्रकाशन नाम वापसी की तिथि के बाद 9वें दिन से चुनाव प्रचार के अंतिम दिन तक कराना होगा।प्रत्याशियों द्वारा अपनी आपराधिक पृष्ठभूमि की सूचना का प्रकाशन आयोग द्वारा निर्धारित किये गये फॉण्ट साइज के अनुसार अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सर्वाधिक प्रसार वाले समाचार पत्रों में स्थानीय भाषा या अंग्रेजी भाषा में प्रकाशित कराया जाए, जो किसी एक राष्ट्रीय और एक स्थानीय समाचार पत्रों में हो। इसी प्रकार संबंधित क्षेत्र में उपलब्ध एवं लोकप्रिय टीवी चैनलों में भी इस सूचना का प्रसारण करवाना होगा, जिसकी समयावधि सुबह 8 बजे से रात 10 बजे के बीच कम से कम 7 सेकंड के लिए प्रसारण होना चाहिए।मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचन प्रक्रिया के बाद आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी अपनी सूचना के प्रकाशन संबंधी रिपोर्ट जिला निर्वाचन अधिकारी को प्रस्तुत करेंगे। साथ ही इसी प्रकार की रिपोर्ट राजनैतिक दलों द्वारा मुख्य निर्वाचन अधिकारी को सौंपी जायेगी।