लखनऊ। उत्तर रेलवे के पांच राज्यों से आने वाले रेलकर्मी नए वेतन आयोग के गठन की मांग उठाएंगे. नॉर्दन रेलवे मेंस यूनियन की हीरक जयंती वार्षिक अधिवेशन में पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा भी जोर पकड़ेगा. चारबाग रेलवे स्टेडियम में 27 और 28 अक्टूबर को होने वाले अधिवेशन में पुरानी पेंशन की बहाली के लिए की जाने वाली हड़ताल पर फैसला होगा। हड़ताल से पहले देश भर के कर्मचारी इसके समर्थन में अगले माह की 21 और 22 नवंबर को गुप्त मतदान करेंगे। आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के केंद्रीय महामंत्री शिव गोपाल मिश्र ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि पुरानी पेंशन की बहाली की मांग के लिए 36 विभागों के संगठनों का संयुक्त मंच गठित हुआ है. चार और विभागों के संगठन जल्द ही इससे जुड़ेंगे।
गुप्त मतदान में राज्य सरकार के शिक्षक और अन्य संगठन भी शामिल हो सकते हैं। कॉमरेड शिव गोपाल मिश्र ने बताया कि मृतक आश्रित कोटे की कई साल से भर्ती नहीं हो पा रही हैं, पहले कर्मचारी की मौत के बाद तत्काल आश्रित को नियुक्ति पत्र देते थे. इस मुद्दे को भी गंभीरता से उठाया जाएगा जिस समय पर मृतक आश्रितों को नौकरी मिल सके उन्होंने कहा कि ओल्ड पेंशन के लिए जो हड़ताल होनी है उससे पहले गुप्त मतदान इसलिए कराया जा रहा है जिससे सरकार इसे अवैध घोषित न कर सके। कामरेड शिवपाल मिश्रा ने बताया कि अधिवेशन में मुख्य रूप से नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन स्कीम की बहाली, आठवें केंद्रीय वेतन आयोग के गठन की मांग, रेल कर्मचारियों की लंबित प्रमुख मांगें जिनमें रेल कॉलोनियों, रनिंग रूम टीटीई विश्रामालय, गैंग हटों की खस्ता स्थिति में सुधार, कैडर रिस्ट्रक्चरिंग, एक्ट अप्रेंटिस की भर्ती, मेडिकल सुविधाओं में सुधार, अनुकंपा के आधार पर नियुक्तियों और महिला रेल कर्मचारियों के लिए अलग शौचालय, यूनिफार्म चेंज रूम और क्रेच आदि मुद्दों को भी रखा जाएगा।
उन्होंने बताया की नई पेंशन स्कीम को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना लागू किए जाने के लिए सभी केंद्र व राज्य श्रम संगठनों ने आईआरएफ के नेतृत्व में आंदोलन किया था। पिछले 10 अगस्त को दिल्ली के रामलीला मैदान में दो लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों की विशाल रैली आयोजित की गई थी। पुरानी पेंशन बहाली की मांग पुरजोर तरीके से रखी गई थी, लेकिन अभी तक इस पर सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया। अब जॉइंट फोरम फॉर रीस्टोरेशन ऑफ पेंशन स्कीम ने सभी श्रम संगठनों से आह्वान किया है कि उनकी शाखाएं देश भर में हड़ताल की तैयारी करें. रेलवे यूनियन की शाखाएं भी 21 और 22 नवंबर को हड़ताल के लिए मतदान करेंगी. इसके आधार पर देशव्यापी अनिश्चितकालीन रेल हड़ताल का भी निर्णय लिया जाएगा।