लखनऊ। केजीएमयू में मिसाइल मैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की 92 वीं जन्म जयंती की पूर्व संध्या पर शनिवार को उनके चुनौती और भविष्य विषय पर आधारित मेमोरियल ओरेशन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता डॉ. दिनेश कुमार बडयाल फेमर प्रोग्राम के निदेशक होते हुए 150 से अधिक प्रकाशनों और कई पुरस्कारों के साथ राष्ट्रीय स्तर पर कॉपेटेंसी बेस्ड मेडिकल एजुकेशन करिकलम में महत्वपूर्ण योगदान देने के साथ अच्छे छात्रों को महान डॉक्टर बनाने के लिए स्वदेशी लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम विकसित करना आवश्यक बताया।उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि एक सकारात्मक चिकित्सा शिक्षा पर्यावरण बनाने के लिए छात्र, प्रशासक, शिक्षक और अन्वेषकों का सामंजस्य महत्वपूर्ण है। उन्होंने आज की प्रतिस्पर्धा भरी दुनिया में छात्र को एक ग्राहक समान माना जिसका संतोष काफी अहम है।
इसी क्रम में संस्थान की चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख प्रो. अमिता पांडे ने कहा कि यह ऐसे डॉक्टरों को तैयार करने में सफल होगा जो ग्रामीण और कम विकसित क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होंगे। वहीं संस्थान की कुलपति प्रो.सोनिया नित्यानंद ने ऐसे आयोजनों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि चिकित्सा शिक्षा में योगदान के कारण केजीएमयू को राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद द्वारा एक नोडल केंद्र बनाया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय मेडिकल ग्रेजुएट को 5 भूमिकाओं के बीच संतुलन बनाने के लिए तैयार करना प्रत्येक शिक्षक का कर्तव्य होना चाहिए । जिसमें चिकित्सक, हेल्थकेयर टीम मेंबर, कम्युनिकेटर,लाइफलांग लर्नर और प्रोफेशनल होना चाहिए। कार्यक्रम में प्रति-कुलपति प्रो. विनीत शर्मा, चिकित्सा शिक्षा विभाग की संस्थापक प्रमुख प्रो. शैली अवस्थी, डीन एकेडमिक्स प्रो. अमिता जैन और प्रो. विमला वेंकटेश,समारोह का संचालन प्रो. सौम्येन्द्र विक्रम सिंह एवं डॉ. सारिका गुप्ता द्वारा किया गया।