लखनऊ। जिले के 291 चिकित्सालयों को आयुष्मान योजना के तहत जोड़ा गया गया है।जिसमें इन सभी चिकित्सालयों को सूचीबद्ध किया गया है। जिसमें 9 केन्द्रीय सरकार के अधीन 33 राज्य सरकार के अधीन और 249 निजी अस्पताल हैं। यह जानकारी शुक्रवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज अग्रवाल ने दी।उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोग इस योजना का लाभ उठाएं इसके लिए आवश्यक है कि योजना का प्रचार प्रसार अधिक हो।सीएमओ ने निर्देश दिए हुए कहा कि इस योजना के तहत सूचीबद्ध सभी निजी एवं सरकारी अस्पतालों को अस्पताल परिसर में एक कॉर्नर या ऐसी जगह सुनिश्चित की जाए जहां पर आयुष्मान योजना से संबंधित सभी जानकारियाँ प्रदर्शित हों और वह ऐसी जगह पर हो जहां पर अस्पताल में आने वाला व्यक्ति योजना की जानकारी प्राप्त कर सके। इसके साथ ही चिकित्सालय में आने वाले हर रोगी की आयुष्मान पात्रता की जांच अनिवार्य रूप से की जाए।
डॉ.अग्रवाल ने कहा कि उपरोक्त का पालन न करने की स्थिति में चिकित्सालय प्रशासन के विरुद्ध क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत नियमानुसार कठोरतम कार्यवाही की जाएगी।उन्होंने बताया कि अभी तक इस योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों में सूचीबद्ध मरीज के इलाज के लिए 1.79 अरब से ज्यादा की धनराशि का वितरण किया जा चुका है।सीएमओ ने बताया कि इस योजना के तहत मरीजों का इलाज करने में पाँच सर्वोत्तम सरकारी अस्पतालों में बलरामपुर, डा. श्यामा प्रसाद मुखर्जी अस्पताल, एसजीपीजीआई, केजीएमयू और राम मनोहर लोहिया चिकित्सा संस्थान हैं।निजी अस्पतालों की सूची में डा.ओपी चौधरी अस्पताल एवं शोध केंद्र, राज स्कैनिंग लिमिटेड, केके अस्पताल, जगरानी अस्पताल एवं विद्या अस्पताल एवं ट्रामा सेंटर है।