लखनऊ। भारतीय दोसर वैश्य महा समिति उत्तर प्रदेश के तत्वावधान तथा प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, शिक्षक, पत्रकार,झंडा गीत “विजय विश्व तिरंगा प्यारा” के रचयिता, पद्मश्री से अलंकृत श्री श्यामलाल गुप्त पार्षद जी की 128 वी जयंती, उत्तर प्रदेश में “संगठन” की सभी इकाइयों में धूमधाम से मनाई गई।विशेष रुप से लखनऊ,कानपुर, फतेहपुर,उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी,अयोध्या,संडीला सीतापुर,लखीमपुर,हरदोई,सहित अन्य जिलों तथा बाज़ारो में झण्डा गीत का सामूहिक गायन किया गया, तथा पार्षद जी के जीवन से जुड़े संस्मरणों को बताया गया। लखनऊ में,प्रांतीय महिलाध्यक्ष श्रीमती शशी गुप्ता जी के कार्यालय, टेढ़ी नीम के सामने, पाण्डेगंज रोड, नाका,चारबाग में प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारम्भ ईश वंदना तथा समापन झंडा गीत के सामूहिक गायन से किया गया।जयंती समारोह में बोलते हुए प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पार्षद जी ने स्वतंत्रता प्राप्त ना होने तक नंगे पैर रहने का प्रण लिया था। उन्होंने यह मांग की ऐसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की मूर्ति राजधानी लखनऊ में स्थापित की जाए, उन्होंने लखनऊ में पार्षद वाटिका बनाने की भी मांग की।
माननीय गिरीश गुप्ता, उप सभापति लखनऊ नगर निगम, ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमें अपने पूर्वजों को याद करने की परंपरा को निरंतर जारी रखना है,जो समाज अपने पूर्वजों को विस्मृत कर देता है वह शनै शनै समाप्त हो जाता है। इस कड़ी में भारतीय दोसर वैश्य महासमिति द्वारा प्रांतीय स्तर पर पार्षद जी की जयंती मनाने का प्रयास सराहनीय है।कार्यक्रम में राष्ट्रीय युवा प्रभारी श्रीकांत गुप्ता ने बताया, पार्षद जी ने अनेक बार स्वतंत्रता आंदोलन में जेल यात्राएं की तथा व फतेहपुर जेल में बंद रहे। वह समाज में व्याप्त कुरीतियों के विरोधी थे तथा महिलाओं की शिक्षा एवं सम्मान के लिए निरंतर कार्य करते रहे।समारोह को विशेष रूप से,राष्ट्रीय युवाध्यक्ष अध्यक्ष सुशील गुप्ता गुप्ता,प्रांतीय महिला अध्यक्ष श्रीमती शशी गुप्ता प्रांतीय महिला कोषाध्यक्ष श्रीमती अल्पना गुप्ता, वरिष्ठ उपाध्यक्ष रमेश शंकर गुप्ता, श्रीमती रानी गुप्ता, मोहन लाल गुप्ता, विमल गुप्ता एडवोकेट, अरुण गुप्ता, अमित गुप्ता, सुशील गुप्ता, सत्येंद्र गुप्ता, कुलदीप गुप्ता, संजय गुप्ता तथा रामप्रकाश गुप्ता ने सम्बोधित किया। कार्यक्रम का संचालन संगम लाल गुप्ता ने किया। कार्यक्रम में दोसर वैश्य समाज के अनेक गणमान्य लोग सम्मिलित हुए।