लखनऊ। राजधानी लखनऊ में स्वामीविवेकानन्द जी की जयन्ती के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, गोमती नगर, लखनऊ में मिशन शिक्षण संवाद की प्रदेश स्तरीय शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम माँ सरस्वती की प्रतिमा पर आदरणीय विमल कुमार, अवनीन्द्र सिंह जादौन, शशिभूषण सिंह इटावा, रविन्द्र कुमार सिंह, सरिता राय द्वारा माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन कर रहे साकेत बिहारी शुक्ला ने सरस्वती वंदना का गायन किया।
मिशन शिक्षण संवाद के संस्थापक विमल कुमार जी ने अपने उदबोधन में कहा कि शिक्षक का सम्मान उसके द्वारा दी जा रही बच्चों की शिक्षा से है, हम सब अपना कार्य ईमानदारी से करें, शिक्षक को समाज निर्माण के लिए ईश्वर का आशीर्वाद मिला है हम बच्चों को समाज में सुखी रहने का रास्ता बताएँ। हम अपनें शरीर को स्वस्थ रखें, शिक्षक अपने में शिक्षकत्व का भाव जगाएं, एक सकारात्मक ऊर्जा के साथ अपने विचारों का आदान-प्रदान करें। अपने सकारात्मक विचारों और शब्दों को मूर्त रुप दीजिए। अच्छे काम को फैलाएँ, और नकारात्मकता को विराम दें। हम सबको सकारात्मकता को बढ़ावा देना है। मित्रता व प्रेम में भेद न हो, मित्रता में देने की चाहत होनी चाहिए, न कि लेने की। भविष्य के लिए रास्ता खोजें, यह सोचकर विद्यालय जाएं कि आज हमें बच्चों को क्या देना है?
हम सब शिक्षक मिलकर छात्रों और समाज के लिए शोध करें। अपने जीवन में अनुशासन को बनाए रखिये, अनुशासन अनुकरणीय होता है। एकदूसरे के प्रति विनम्र रहे। जो कहें उसे पूरा करने की कोशिश करिए। अच्छाइयों का सम्मान व प्रोत्साहन करें, मैं की जगह हम का सम्मान करें।
अवसर लगातार मिलने से प्रतिभा निखरती है। स्वाध्याय जीवन का जरूरी अंग है। शिक्षकों के लिए तीन मंत्र है जिओ, जीने दो एवं जीवन दो। काम वही करें जिसमें आपको खुशी मिले, एक दूसरे को भ्रमित न करें। भ्रम का कोई समाधान नहीं, असत्य को न फैलाए। दिनभर की गतिविधियों को रात में एकवार जरूर चिंतन करे और यह विचार करें कि आज आप कितना कर पाए। वैसे भी दे वही सकता है जिसके पास कुछ होता है।
अपने अंदर शिक्षकत्व का भाव जगाएं। बच्चों की शिक्षा व्यवस्था पर पूर्ण ध्यान दें।
टीचर्स क्लब के शशिभूषण सिंह, प्रांजल दुबे ने भी अपने विचार रखे।
मिशन शिक्षण संवाद के संयोजक अवनीन्द्र सिंह जादौन ने कहा कि हमें अपने प्रति जिम्मेदार और जवाबदेह होना होगा, जो भी वादा करें उसकी कीमत होनी चाहिए। जो भी विकल्प हमने अपनी स्वेच्छा से चुने हैं उस विकल्प पर खरा उतरने का प्रयास करें। शिक्षा के लिए, समाज के लिए काम करें। विमल सर के अनुरोध को निर्देश के रूप में मानकर पूरा करने का प्रयास करें। जब तक हम किसी व्यवस्था का हिस्सा हैं तब तक अनुशासन अनुरोध और निर्देश का पालन करना चाहिए । टीम का प्रबंधन एक व्यक्ति के हाथ मे होता है, वह अनुरोध भी करेगा एवं निर्देश भी देगा तभी परिणाम सकारात्मक आएंगे। टीम के रूप में जनपद में कार्य करें। मिशन की टीम को सक्रिय करें मजबूत करें तभी मिशन शिक्षण संवाद भी मजबूत होगा। हम सभी को मिलकर विमल सर की परिकल्पना को साकार करना है।
अंत में मिशन शिक्षण संवाद टीम लखनऊ से श्री सुरेश जायसवाल जी ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापित किया। साथ ही साथ जयशंकर फहीम बेग शबनम तौकीर नीता यादव कंचन यादव श्यामला टंडन अदिति पांडे शशि प्रभा सिंह कविता छाबड़ा शोभना श्रीवास्तव महिमा सक्सेना सारिका शुक्ला वंदना कमरुज्जमा संदीप सिंह आदि शिक्षक कार्यक्रम के सहयोग में उपस्थित रहे।