न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह एवं वन तथा पर्यावरण राज्यमंत्री के0पी0 मलिक ने सोमवार को अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) श्री कैवल्य त्रिविक्रम परनायक से शिष्टाचारिक भेंटकर उन्हें तीर्थराज प्रयाग महाकुम्भ-2025 में पधारने के लिए न्यौता दिया। साथ ही दोनों प्रदेशो की विविध सांस्कृतिक विरासत, विकास, महिला सशक्तिकरण तथा संबंधों को मजबूत बनाने पर विस्तार से चर्चा की।
राज्यपाल के0टी0 परनायक ने उ0प्र0 के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा भेजे गये निमंत्रण के लिए आभार व्यक्त करते हुए महाकुम्भ-2025 में आने की सहर्ष सहमति दी। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 अपनी सांस्कृतिक विरासत, अध्यात्म को वैश्विक स्तर पर पहुंचाने का कार्य किया है। हम अरूणाचल वासियों को प्रेरित करेंगे कि ऐसे धार्मिक आयोजन में जाने का हरसंभव प्रयास करे। इसके साथ ही उन्होंने अरूणाचल प्रदेश एवं उ0प्र0 के बीच चले आ रहे सांस्कृतिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के प्रति प्रतिबद्धता दिखाई।
भंेट के दौरान अरूणाचल प्रदेश में आयोजित जी-20 प्रतिनिधि मंडल की मेजबानी पर एक वीडियो प्रस्तुति भी साझा की गयी। राज्यपाल ने अरूणाचल में रहने वाली विभिन्न जनजातियों एवं उनकी सांस्कृतिक विरासत पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए देश के लिए एक अनमोल विरासत बताया। पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा, कि महाकुंभ में श्रद्धालुओं के स्नान, ध्यान, सुरक्षा, भ्रमण और ठहरने की सर्वाेत्तम व्यवस्था की जा रही है।
जयवीर सिंह ने कहा कि बड़े पैमाने पर टेंट सिटी तैयार की जा रही है। जहां लोगों को योग, वाईफाई सहित अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। महाकुंभ-2025 के अवसर पर प्रयागराज में हेलीकॉप्टर जॉयराइड की भी व्यवस्था होगी। वाटर स्पोर्ट्स एवं एडवेन्चर स्पोर्ट्स की सुविधाएं भी पर्यटकों को उपलब्ध कराई जाएंगी। अयोध्या, काशी आदि स्थलों के भ्रमण के लिए पैकेज तैयार किए गए हैं। संस्कृति ग्राम, कलाग्राम बनाए जा रहे हैं। शिवालय पार्क पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री के.पी. मलिक ने कहा कि हमारा विश्वास है कि सभी आगंतुक न केवल भारत की सांस्कृतिक, दार्शनिक और धार्मिक-आध्यात्मिक स्वरूप का दर्शन करेंगे, बल्कि भव्य-दिव्य और नव्य आयोजन का अद्भुत आनंद लेंगे। मुझे लगता है ऐसा संगम, जहां अनेकता में एकता के सभी रूप दिखेंगे।