न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेंसी) लखनऊ। आम जनमानस को शुद्ध सिल्क की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सिल्क एक्सपो-2024 का आयोजन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, गोमती नगर, लखनऊ में 22 अक्टूबर से 28 अक्टूबर, 2024 तक किया गया। एक्सपो का समापन अपर मुख्य सचिव बी. एल. मीणा ने 28 अक्टूबर को किया। एक्सपो में उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न प्रदेशों के प्रतिष्ठित रेशम उत्पादों, जैसे- बनारसी, चंदेरी सिल्क, कांजीवरम्, मैसूर सिल्क, बालूचेरी साड़ियाँ, सलवार और सूट, की प्रदर्शनी एवं विक्रय के लिए 45 स्टॉल लगाए गए।समापन अवसर पर सर्वाधिक बिक्री के लिए बनारसी वीवर्स, वाराणसी को प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि टसर और मटका सिल्क के विक्रय हेतु बिहार के श्री विजय निवादा को द्वितीय पुरस्कार और पश्चिम बंगाल के स्पर्शम साड़ी को उनकी कुशल कारीगरी के लिए तृतीय पुरस्कार दिया गया।
समापन के दौरान अपर मुख्य सचिव ने सर्वाधिक विक्रय करने वाले बुनकरों को अपने अनुभव साझा करने के लिए किसानों के प्रशिक्षण में आमंत्रित करने के निर्देश भी दिए। साथ ही, फतेहपुर से आई ज्योति अजीविका महिला स्वयं सहायता समूह को एरी सेक्टर अंतर्गत असम के जोरहाट में केन्द्रीय मूंगा एरी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में एक्सपोजर विजिट पर भेजने के निर्देश दिए।कार्यक्रम के अंत में निदेशक (रेशम) सुनील कुमार वर्मा ने जानकारी दी कि बुनकरों की डिजाइनों में नवाचार करने के लिए और अन्य राज्यों के बुनकरों से प्रतिस्पर्धा करने के लिए जल्द ही रायबरेली स्थित एन.एफ.टी. के साथ एम. ओ.यू. किया जाएगा, जो बुनकरों को प्रशिक्षण देकर उन्हें प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाएगा। निदेशक ने आमजन से आग्रह किया कि वे भ्रामक नामों से लगने वाले सिल्क एक्सपो से खरीदारी करने से बचें और सिल्क साड़ियाँ प्रमाणन के बाद ही खरीदें।