न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेन्सी) लखनऊ। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान सभागार में 15वें सीएससी दिवस का आयोजन भव्यता से संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रदेश के समाज कल्याण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण, डीडीजी रिजनल ऑफिस (आधार) लखनऊ प्रशांत कुमार, श्रीमती जया दुबे (प्रबंधक, स्टॉक होल्डिंग), राजीव मलिक (सरकारी परीक्षा) समेत बजाज फाइनेंस, पिरामल, महिंद्रा आदि के प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही।
सीएससी ई-गवर्नेंसरू डिजिटल इंडिया का सपना सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड, सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित एक संस्था है, जिसे डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया है। प्रत्येक वर्ष 16 जुलाई को सीएससी स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें सरकार की विभिन्न योजनाओं के प्रति आम जनमानस को जागरूक किया जाता है। मुख्य अतिथि मंत्री असीम अरुण ने ई-गवर्नेंस योजना को सरकार और जनता के बीच डिजिटल सेतु बताते हुए कहा कि सीएससी वीएलई के माध्यम से यह प्रयास सफलतापूर्वक चल रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अब एम-गवर्नेंस की दिशा में भी कदम बढ़ा रही है। उन्होंने सीएससी बाल विद्यालय पीपीटी की सराहना करते हुए ग्रामीण छात्रों के लिए ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। डीडीजी प्रशांत कुमार ने सीएससी के माध्यम से आधार सेवाओं की सराहना की और सेवा प्रदाताओं से निर्धारित मानकों का पालन करने की अपील की।
सीएससी की स्थापना और उद्देश्य
स्टेट हेड सीएससी, राजेश मिश्रा ने बताया कि सीएससी की स्थापना 16 जुलाई 2029 को भारत सरकार द्वारा डिजिटल विभाजन को समाप्त करने और डिजिटल इंडिया मूवमेंट को देशभर में फैलाने के उद्देश्य से की गई थी। सीएससी ने ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में शासन और सेवाओं तक पहुंच में सुधार करके समाज को डिजिटल, सामाजिक और वित्तीय रूप से समावेशी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।