January 11, 2025 10:30 pm

माल विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत में केंद्र सरकार की जीवनोपयोगी योजना ठेकेदारों की मनमानी से साबित हो रही मुसीबत

मलिहाबाद लखनऊ। राजधानी लखनऊ के माल विकास खंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत में केंद्र सरकार की जीवनोपयोगी योजना ठेकेदारों की मनमानी से मुसीबत साबित हो रही है। गांवों की गलियां खोदे जाने के बाद दुरुस्त न करना और ग्रामीणों को रात बिरात गड्ढे वाली गलियों से गुजरना किसी जोखिम से कम नहीं है। ठेकेदारों के मनमानी के चलते सरकार की बहु उपयोगी योजना को ग्रामीणों के लिये नारकीय बना दिया है। जिससे ग्रामीणों में हर्ष के स्थान पर विषाद पैदा हो गया है।

भारत सरकार की जल जीवन मिशन योजना के अंतर्गत हर घर जल योजना स्वच्छ जल ग्रामीणों को उपलब्ध कराने की तरफ एक बेहतरीन कदम माना जा रहा था, लेकिन योजना के करता धरताओं की वजह से यह योजना गांवों की जनता के लिये नरक लगने लगी है। शायद ही अपवाद स्वरूप कोई गांव,मजरा और कस्बा हो जहां गलियों को खोदकर

डाली गयी पाइप लाइनें दुरस्त हों वरना गांव,मजरे और कस्बे की सभी गलियाँ,सड़कें ठेकेदारों की उदासीनता की शिकार हो गयी हैं। कोई भी गली कूचा ऐसा नहीं है जहाँ पाइप लीक न करता हो और गलियों को ठेकेदारों द्वारा बन्द न कराया जाना बड़ी विडंबना है। ग्रामीणों ने स्वयं अपने – अपने घरों के बाहर महीनों खुदी पड़ी नाली को मजबूरन बन्द कर खड़ंजा,इंटर लाकिंग को लगाकर लायक बनाया। बावजूद इसके ठेकेदार कभी भी गांवों में नहीं देखा गया। जबकि उसके मेट (मुंशी) और अन्य कर्मचारी स्थानीय मजदूरों को चार सौ से साढ़े चार सौ रुपयों पर ठेके देकर नालियों की खुदाई,उसमें पाइप डालने और कनेक्शन देने तथा नाली बन्द करने का कार्य तो कराया लेकिन रास्तों में लगे खड़ंजे, इंटर लॉकिंग व आर सी सी जैसी खोदी गयी गलियों की अभी तक मरम्मत तक नहीं की है। जिससे ग्रामीणों की जिंदगी नरक में रहने जैसी हो गयी है।

सबसे महत्वपूर्ण बात आप को बता दें कि इस बीच लोकसभा का चुनाव भी सम्पन्न हो गया और शासन प्रशासन के लोग भी गांवों तक दस्तक देते रहे लेकिन किसी ने जनता की मुशीबतों की तरफ नजर नहीं डाली और सत्ता सुख भोगने लगे। जनता मरे तो मरा करे और शासन सत्ता के लोग सुख चैन के जीवन जी रहे हैं। वहीं ठेकेदार ए,के सिंह को बताया जा रहा है कि रसूख ऐसा की उन्होंने गांवों की शायद शक्ल (स्थिति) भी नहीं देखी और कार्य कराकर जनता को मौत के मुहाने पर मरने के लिये छोड़ दिया। यह मुसिबत किसी एक गांव की जनता की नहीं है चाहे पीरनगर को बसन्तपुर हो या जगदीशपुर सभी पंचायतों और उनके मजरे सभी मे एक जैसी ही। गांवों में पाइप के लीकेज के चलते किसी गली में कीचड़ तो किसी गली में गड्ढे ही गड्ढे मौजूद हैं। लोगों को घरों से निकलना दूभर हो रहा है। उधर ग्राम प्रधान और जनता का ठेकेदार के करिन्दों से गलियां ठीक कराने और पाइप के लीकेज दुरुस्त कराने का अनुरोध निरर्थक साबित हो रहा है,जिससे ग्रामीणों में आक्रोश ब्याप्त है।

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