December 24, 2024 10:03 pm

गेहूं किसानों के लिए सीएसए यूनिवर्सिटी के कृषि मौसम वैज्ञानिक ने जारी की एडवाइजरी, बढ़ती गर्मी को लेकर करें यह उपाय

मदन सिंह

गेहूं किसानों के लिए मौसम विभाग के मौसम वैज्ञानिक डॉ0 एस0एन सुनील पांडेय ने जानकारी देते हुए हमारे उप संपादक मदन सिंह को बताया कि गेहूं किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की गई है. इसमें बताया गया है कि वे कैसे अपनी फसल का ध्यान रख सकते हैं. दरअसल यह एडवाइजरी बढ़ती गर्मी को देखते हुए जारी की गई है जिससे गेहूं को नुकसान हो सकता है. लू चलने की भी आशंका जताई गई है जिससे गेहूं को नुकसान हो सकता है.देश के कई राज्यों में लगातार बढ़ रहे तापमान और गर्मी को देखते हुए सरकार ने गेहूं किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की है. इसमें बताया गया है कि वे कैसे अपनी फसल का ध्यान रख सकते हैं. दरअसल यह एडवाइजरी बढ़ती गर्मी को देखते हुए जारी की गई है जिससे गेहूं को नुकसान हो सकता है. लू चलने की भी आशंका जताई गई है जिससे गेहूं को नुकसान हो सकता है. किसानों से कहा गया है कि गर्मी में वे अपनी फसल में हर हाल में 12-13 परसेंट तक नमी बनाए रखें, वर्ना परेशानी हो सकती है. साथ ही किसानों से कहा गया है कि अगर उनके क्षेत्र का तापमान सामान्य स्तर से अधिक हो तो खेतों में हल्की सिंचाई भी करते रहें.भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की तरफ से जारी किए गए पूर्नानुमान में बताया गया है कि देश के कई हिस्सों, खासकर उत्तर भारत और पूर्वी और पश्चिमी तटों पर अधिकतम तापमान धीरे-धीरे 2-3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है. इससे गर्मी और बढ़ सकती है. इसे देखते हुए भारतीय गेहूं और जौ अनुसंधान संस्थान (ICAR-IIWBR) ने गेहूं किसानों के लिए जारी सलाह में कहा है कि मध्य और प्रायद्वीपीय भारत में किसान गेहूं की कटाई करते वक्त उचित नमी की मात्रा बनाए रखें. साथ ही सुरक्षित भंडारण के लिए आवश्यक साफ-सफाई करें. संस्थान की तरफ से उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिमी राज्यों के किसानों के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि अच्छी तरह से गेहूं के पक कर परिपक्व होने तक खेत की मिट्टी में पर्याप्त नमी बनाए रखें. साथ ही आवश्यकतानुसार हल्की सिंचाई भी करें.गेहूं सूखने से बचाने के लिए सीएसए यूनिवर्सिटी के कृषि मौसम वैज्ञानिक ने सुझाव दिया है कि यदि अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस से अधिक है, तो किसान फलन के दौरान 0.2 प्रतिशत म्यूरेट ऑफ पोटाश या 2 प्रतिशत पोटेशियम नाइट्रेट को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिड़काव कर सकते हैं. इससे फसल को सूखने से बचाने और गर्मी के तनाव को कम करने के लिए मदद मिलेगी.रतुआ रोग से बचाव के लिए करें निगरानीपहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले किसानों के लिए जारी सलाह में कहा गया है कि इस वक्त गेहूं की फसल में पीली रतुआ या भूरी रतुआ जैसी बीमारियों का प्रकोप हो सकता है. इसलिए लगातार फसलों की निगरानी करें. अगर खेतों में इसका प्रकोप दिखाई देता है तो प्रोपिकोनाज़ोल 25 ईसी जैसे कीटनाशकों का प्रयोग करें. इसके लिए एक मिलीलीटर रसायन को एक लीटर पानी में और 200 मिलीलीटर फफूंदनाशक को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ गेहूं की फसल में छिड़काव करना चाहिए. गेहूं की करें हल्की सिंचाईसलाह में यह भी कहा गया है कि जिन किसानों ने देर से गेहूं की बुवाई की थी, वे अपने खेतों में हल्की सिंचाई करें और कटाई से 8-10 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें. हालांकि मौसम से पैदा हो रही चुनौतियों के बाद भी कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय का अनुमान है कि इस साल गेहूं का उत्पादन 112.02 मिलियन टन हो सकता है जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 1.46 मीट्रिक टन अधिक है. इस साल गेहूं के बुवाई क्षेत्र में 1.21 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

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