न्यूज ऑफ़ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा व मनरेगा कन्वर्जेंस से विभिन्न विभागों द्वारा कराये जा रहे कार्यों पर लगातार पैनी नजर रखी जाय, कार्यों लगातार निरीक्षण व पर्यवेक्षण किया जाए और फील्ड विजिट करते हुये नियमित रूप से समीक्षा की जाए।
जनपद सिद्धार्थनगर में मनरेगा के तहत ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा कराये गये कतिपय कार्यों में अनियमितता किये जाने का मामला आई जी आर एस के तहत ग्राम्य विकास आयुक्त के संज्ञान में लाया गया था। जिस पर ग्राम्य विकास आयुक्त श्री जी एस प्रियदर्शी द्वारा जांच करायें जाने के निर्देश दिए गए थे।
प्रकरण की जांच परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण, सिद्धार्थनगर की अध्यक्षता में गठित त्रिस्तरीय समिति द्वारा करायी गयी। ग्राम्य विकास आयुक्त ने बताया कि जांच समिति द्वारा उपलब्ध करायी गयी जांच आख्या के आलोक में उत्तरदायी अधिकारियों/कर्मचारियों के विरुद्ध वसूली एवं विधिक कार्यवाही ज़िला अधिकारी सिद्धार्थ नगर द्वारा प्रचलित की गयी है।
राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में अन्य विभागों के माध्यम से कराये गये/ कराये जा रहे कार्यों की जांच/निरीक्षण में प्रकाश में आयी शासकीय क्षति की वसूली 50 प्रतिशत माप करने वाले, 35 प्रतिशत भुगतान की संस्तुति करने वाले व 15 प्रतिशत भुगतान करने वाले अधिकारी से किये जाने का प्राविधान है। इस आलोक मे श्री दिलीप कुमार सिंह अवर अभियंता (सेवानिवृत्त), से रू 2 लाख, श्री शिव शंकर सहायक अभियंता/अधिशाषी अभियंता (सेवानिवृत्त) से रू 187500.00 प्रवीर कुमार गुप्ता सहायक अभियंता (सेवानिवृत्त) से रू 131250.00 व रउफ अहमद अधिशासी अभियंता (सेवानिवृत्त) से रू 56250.00 की वसूली किये जाने व विधिक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए गए हैं।