न्यूज ऑफ़ इंडिया ( एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा केन्द्र सरकार की स्वदेश दर्शन योजना द्वितीय के अन्तर्गत प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल सीतापुर स्थित नैमिषारण्य एवं प्रयागराज की लगभग 29 करोड़ रूपये की दो परियोजनाओं का शिलान्यास किये जाने पर आभार व्यक्त करते हुये कहा कि दोनों पर्यटनों स्थलों को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल किये जाने से प्रदेश के पर्यटन को नयी उड़ान मिलेगी। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश को पर्यटन का हब बनाने के लिये इन दोनों परियोनजाओं की सौगात दी है। उन्होने कहा कि नैमिषारण्य की परियोजना की लागत लगभग 15.95 करोड रुपये तथा प्रयागराज की परियोजना की लागत 13.02 करोड़ रूपये है। उन्होने कहा कि इन परियोनजाओं के धरातल पर उतरने से प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही रोजगार के नये अवसर तथा होटल, रेस्टोरेन्ट, टूर ऑपरेटर आदि के कारोबार बढ़ेगे।
पर्यटन मंत्री आज पर्यटन मीटिंग हॉल, सत्संग भवन, रेलवे स्टेशन रोड, नीमसार सीतापुर में प्रधानमंत्री द्वारा श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर से एक केन्द्रीकृत वर्चुअल समारोह के माध्यम से इन परियोजनाओं के शुभारम्भ एवं लोकार्पण के अवसर पर उपस्थित थे। उन्होने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुये कहा कि पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा प्रदेश के विशाल आकार तथा सांस्कृतिक विरासत एवं पर्यटन की असीम सम्भावनाओं को दृष्टिगत रखते हुये प्रधानमंत्री ने प्रयागराज एवं नैमीषारण्य को अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने के लिये स्वदेश दर्शन स्कीम द्वितीय के तहत चयनित किया है।
जयवीर सिंह ने कहा कि समेकित पर्यटन विकास हेतु पहले चरण में प्रयागराज के आजाद पार्क एवं देखों प्रयागराज ट्रेल एक्सपीरियन्स योजना के अन्तर्गत टूरिस्ट इन्फारमेशन सेन्टर, आजाद मेमोरियल प्लाजा का उच्चीकरण, विक्टोरिया मेमोरिया लैण्ड स्केप का उच्चीकरण, कल्प वृक्ष लैण्डस्केप का उच्चीकरण, एडवेन्चर पार्क, सी0सी0टी0वी0, ट्रैवलर्स नूक, गेट अपग्रेडेशन, देखो प्रयागराज वर्ल्ड आर्ट, मिनी बस, पार्किंग एवं टॉयलेट आदि कार्यों हेतु रू0 13.02 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है। उन्होने ने कहा कि नैमिषारण्य में वैदिक वेलनेस एक्सपीरियन्स योजना के अन्तर्गत गोमती नदी में जेट्टी एवं बोट्स, ध्वनि एवं प्रकाश शो समेत अन्य कार्यों के लिए लगभग 15.95 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की गई है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि केंद्र व प्रदेश में हमारी सरकार आने के बाद अपनी परंपरा, संनातन संस्कृति में चार चांद लगाने का काम हुआ है। उत्तर प्रदेश जहां भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ और भगवान शिव के त्रिशूल पर बसी काशी है। गोरखपुर में जहां बाबा गोरखनाथ धाम है, तपोस्थली नैमिषारण्य तीर्थ स्थल है, विंध्यवासिनी धाम जैसे अनेक धार्मिक और आध्यात्मिक स्थल हैं। यहां धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं। इन संभावनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य किया जा रहा है। आज डबल इंजन की सरकार में उत्तर प्रदेश में पर्यटन बहुत तेजी से विकास कर रहा है। आज उत्तर प्रदेश हिंदुस्तान का ग्रोथ इंजन बना हुआ है। जयवीर सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार पर्यटन स्थलों के विकास के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
नैमिषारण्य के नियोजित विकास हेतु नैमिष तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। नैमिषारण्य के विकास में धन की कोई कमी आने नही दी जाएगी। नैमिषारण्य के नियोजित विकास के लिए नैमिषारण्य तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया है। नैमिषारण्य भव्य, दिव्य और अलौकिक बनेगा। उन्होंने कहा कि बेहतरीन कनेक्टिविटी के लिए नैमिषारण्य से लखनऊ, अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा, चित्रकूट आदि स्थलों के लिए हेलीकाफ्टर की सुविधा शीघ्र प्रारंभ की जाएगी। इस दौरान सांसद मिश्रिख अशोक रावत, माननीय विधायक मिश्रिख रामकृष्ण भार्गव, जिलाधिकारी अनुज सिंह, सदस्य विधान परिषद पवन कुमार सिंह, पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार के उपसचिव इरशाद आलम, उत्तर प्रदेश पर्यटन के उपनिदेशक डाक्टर कल्याण सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।