December 27, 2024 3:10 pm

प्रदेश सरकार द्वारा माध्यमिक विद्यालयों के जर्जर भवनों केपुनर्निर्माण के लिए प्रोजेक्ट अलंकार योजना चलायी गयी : मुख्यमंत्री

न्यूज ऑफ़ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजकीय जुबली इण्टर कॉलेज, गोरखपुर में प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुदृढ़ीकरण हेतु 1,735 लाख रुपये की लागत से 26 राजकीय, अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में अतिरिक्त कक्ष, स्वच्छ पेयजल, शौचालय, प्रयोगशाला, पुस्तकालय, मल्टीपरपज हॉल आदि के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर 7.58 करोड़ रुपये लागत से 141 राजकीय/अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों में 330 स्मार्ट क्लास की स्थापना का शिलान्यास किया एवं स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंर्तगत 4500 छात्र/छात्राओं को टैबलेट/स्मार्टफोन का वितरण किया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां एक साथ तीन बड़े कार्य हो रहे हैं। इन कार्यों में स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के तहत टैबलेट/स्मार्ट फोन का वितरण, गोरखपुर में 330 स्मार्ट क्लासेज का शुभारम्भ एवं प्रोजेक्ट अलंकार के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों एवं राजकीय बालिका विद्यालयों में या सरकारी अनुदानित विद्यालयों में भवन निर्माण का कार्य शामिल है।

उन्होंने इस अभियान से जुड़े प्रदेश के सभी छात्र/छात्राओं, विद्यालयों एवं प्रधानाचार्यां को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश की युवाशक्ति को डिजिटली सक्षम बनाने के लिए नवम्बर, 2021 से स्मार्ट फोन/टेबलेट वितरण का कार्यक्रम शुरू किया गया था। इससे युवा किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए स्वयं को तैयार कर सकेंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस सदी की सबसे बड़ी चुनौती कोरोना महामारी के कारण स्कूलों में भौतिक पठन-पाठन बंद हो गया था। प्रदेश सरकार ने कोरोना कालखण्ड में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुसार तकनीक का उपयोग कर शिक्षा को आगे बढ़ाने का कार्य किया था। इस कार्यक्रम के लिए छात्रों की वर्चुअली कक्षा के लिए स्मार्ट क्लास तथा इंटरनेट की सुविधा महत्वपूर्ण थी। विगत 02-03 वर्षां में 20 लाख छात्र-छात्राओं को टैबलेट/स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाया जा चुका है। आज गोरखपुर में 4,500 छात्रों को यह सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि बिना भेदभाव प्रत्येक युवा को डिजिटली रूप से सक्षम बनाने के लिए यह कार्यक्रम लगातार चलाया जा रहा है। स्मार्ट फोन/टैबलेट से केन्द्र व राज्य सरकार के विद्यार्थियों से जुड़ी सभी योजनाओं को जोड़ा गया है।

इससे प्राप्त जानकारियों से विद्यार्थी स्वयं को स्वावलम्बी बनाकर अपने जीवन को आगे बढ़ा सकेंगे तथा वे प्रधानमंत्री के विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दे पायेंगे। टैबलेट/स्मार्टफोन से 02 करोड़ युवाओं को जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है, ताकि उत्तर प्रदेश को डिजिटल इण्डिया मिशन के अन्तर्गत अग्रणी राज्यों में स्थापित किया जा सके। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को आज यहां टैबलेट नहीं मिला है, वे धैर्य रखें, आगामी समय में उन्हें भी उपलब्ध कराया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सी0एस0आर0 के माध्यम से 141 स्कूलों की 330 क्लासेज को स्मार्ट क्लास बनाया जा रहा है। प्रत्येक विद्यालय में स्थापित स्मार्ट क्लास के माध्यम से विद्यालय विद्यार्थियों को ऑनलाईन जोड़ सकेंगे। इसका उपयोग और भी अच्छा हो सकता है, यदि संस्थाएं स्मार्ट क्लास को डिजिटल लाइब्रेरी से जोड़ देंगी। इससे गुणवत्तायुक्त पाठ्यक्रमों से विद्यार्थी लाभान्वित हो सकेंगे। जनपद गोरखपुर में सभी शासकीय/अशासकीय कॉलेजों को इस सुविधा से जोड़ने का कार्य लगातार किया जा रहा है। यदि स्मार्ट क्लास के साथ स्मार्टफोन/टैबलेट होगा, तो कोरोना जैसी महामारी कभी भी पठन-पाठन को नहीं रोक पायेगी।

प्रत्येक युवा को शासन की सभी योजनाओं की जानकारी होनी चाहिए, ताकि शिक्षा पूर्ण करने के बाद उनको स्टार्टअप व व्यवसाय से जोड़ा जा सके। इन योजनाओं के साथ जुड़कर छात्र आधुनिक हो सकेंगे। नये भारत के नये उत्तर प्रदेश के नये गोरखपुर में सभी विद्यार्थी शासन की योजनाओं से अवश्य से जुड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि विद्यार्थी स्मार्ट फोन/टैबलेट के माध्यम से पी0एम0 स्टार्टअप, पी0एम0 स्टैण्डअप योजना, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के साथ ही कन्या सुमंगला योजना, ओ0डी0ओ0पी0 योजना, मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना आदि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इन योजनाओं की जानकारी के लिए अब छात्रों को भटकना नहीं पडे़गा। स्मार्टफोन से न केवल सिटी स्मार्ट होगी, बल्कि युवा भी स्मार्ट होगा। यह योजना इसी उद्देश्य से लाई गयी है। इन स्मार्ट क्लासेस को लगाने वाली कम्पनियां कुछ दिनों तक निःशुल्क सेवाएं प्रदान करेंगी, इसलिए सभी विद्यालय इसका अवश्य उपयोग करें। प्रदेश के गांवों को डिजिटली रूप से स्मार्ट बनाने के लिए अनेक कार्यक्रम शुरू किए गये हैं। इसके माध्यम से गांवों में मॉडल फेयर प्राइस शॉप को विकसित किया गया है। इसके अन्तर्गत राशन की दुकानों को मॉडल शॉप के रूप में विकसित किया जा रहा है। पूरे राजस्व रिकार्ड को डिजिटली रूप में रखा जा रहा है।

अब लेखपाल को बार-बार जरीब लगाने की आवश्यकता नहीं है। अब डिजिटल रिकार्ड के कारण किसी की जमीन पर दूसरा व्यक्ति अधिकार नहीं कर सकता।मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले माध्यमिक विद्यालयों में जर्जर भवन थे, उनकी स्थिति अच्छी नहीं थी। शासन ने इनके पुनर्निर्माण के लिए प्रोजेक्ट अलंकार की योजना चलायी है। इस योजना के अन्तर्गत सरकारी माध्यमिक विद्यालयों में नये भवन के निर्माण के लिए पूरा फण्ड सरकार दे रही है, ताकि शिक्षा सुचारू रूप से आगे बढ़ सके। उन्होंने विद्यालय प्रबंधन को निर्देश दिया कि वह नये भवन के निर्माण के पश्चात पुराने भवन का, यदि वह हेरिटेज भवन हो, तो प्रशासन की सहायता से उसका रख रखाव करे।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में वित्त पोषित अशासकीय विद्यालयों को भी भवन पुनर्निर्माण के लिए 75 प्रतिशत धनराशि सरकार द्वारा दिये जाने का प्रावधान किया गया है। 25 प्रतिशत धनराशि का प्रबंध विद्यालय प्रबंधन को करना होगा। विद्यालय प्रबंधन यह धनराशि सांसद निधि से भी प्राप्त कर सकते हैं। इस कार्यक्रम से अच्छे विद्यालय का निर्माण किया जा सकेगा, जहां किसी भी छात्र के लिए कोई खतरा नहीं होगा। यदि भवन अच्छा होगा, तो उसमें स्मार्ट क्लास, डिजिटल लाईब्रेरी, बेहतर प्रयोगशाला आदि सुविधाएं अच्छी प्रकार से संचालित की जा सकेंगी।

उन्होंने माध्यमिक विद्यालयों के प्रबंधकों से कहा कि वे विद्यालय की नियमित साफ सफाई की व्यवस्था अवश्य करें, जिससे विद्यालय की आयु लम्बी हो सके।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में इस कार्यक्रम का शुभारम्भ किया जा रहा है। गोरखपुर मण्डल के 69 विद्यालय इस कार्यक्रम से लाभान्वित होंगे। सभी विद्यालय इस योजना का लाभ अवश्य लें। सरकार धनराशि देना चाहती है, ताकि विद्यार्थियों को कोई नुकसान न हो। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत संस्कृत कॉलेजों के लिए 90 प्रतिशत धनराशि सरकार द्वारा दिए जाने का प्राविधान है। 10 प्रतिशत धनराशि का प्रबंध विद्यालय प्रबंधन को करना होगा। यह एक अवसर है, कि शासन की योजनाओं का लाभ लेकर एक नये भारत के नये उत्तर प्रदेश में नई शिक्षा पद्धति को आगे बढ़ाया जाये। हमारे स्कूल की आधारभूत संरचना नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के पाठ्यक्रम के अनुरूप होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से यह कार्यक्रम चलाया जा रहा है।मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान प्रतिस्पर्धा के युग में हमारा युवा किसी से भी पीछे न हो, इसके लिए युवाओं को तैयार करना पडे़गा। युवाओं से पहले संस्थाओं को तैयार होना पड़ता है। इसी क्रम में प्रदेश सरकार ने प्रतियोगी परीक्षार्थियों की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना शुरू की है।

इसके माध्यम से आई0ए0एस0, आई0पी0एस0, पी0सी0एस0, पी0पी0एस0 एवं डॉक्टर आदि के माध्यम से शिक्षा प्रदान कर विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा रहा है। ये सभी प्रशासनिक सेवा के साथ-साथ भौतिक व आभासीय रूप से जुड़कर इस योजना में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने बेटियों के लिए जन्म से लेकर विवाह तक की व्यवस्था की है। शासन ने इसके लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना संचालित की है। इस योजना के अन्तर्गत प्रदेश सरकार द्वारा आगामी अप्रैल माह से बेटियों के अनुदान के लिए 25 हजार रुपये की व्यवस्था की गई है। बेटियों के विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अन्तर्गत 51 हजार रुपये की व्यवस्था की गई है।मुख्यमंत्री ने कहा कि देश बदल चुका है तथा दुनिया में इसके सम्मान में वृद्धि हुई है। देश में सुरक्षित वातावरण, समृद्धि, आजीविका की व्यवस्था तथा आस्था का सम्मान विद्यमान है। आज भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था है।

आगामी समय में देश तीसरी अर्थव्यवस्था बनकर विकसित भारत के सपने को साकार करेगा। विकसित भारत में प्रतिव्यक्ति आय में वृद्धि के साथ भारत का प्रत्येक नागरिक समृद्ध होगा। सशक्त भारत को कोई आंख नहीं दिखा पायेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के बगैर किसी भी देश का कल्याण तथा किसी समाज का उन्नयन नहीं हो सकता। शिक्षा विकास की धुरी है, इसके बिना कोई आगे नहीं बढ़ सकता। सभी विद्यार्थी बिना तनाव के परीक्षा दें, वे जितनी मेहनत करेंगे उतना अच्छा परिणाम आयेगा। उन्होंने विद्यार्थियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि प्रदेश के युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता। युवाओं के भविष्य के साथ कोई खिलवाड़ करेगा, तो उस पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। प्रदेश के युवाओं का भविष्य उज्ज्वल है। इस क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं।इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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