न्यूज ऑफ़ इंडिया (एजेंसी) लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ग्राम्य विकास विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मनरेगा कार्यों में प्रयुक्त सामग्री उच्च क्वालिटी की होनी चाहिए। निर्माण कार्यों में प्रयोग की जाने वाली सामग्री की गुणवत्ता की जांच हर हाल में की जाए। मुख्य विकास अधिकारी व स्टेट क्वालिटी मैनेजर इस सम्बन्ध में पूरी सजगता व नियम संगत कार्य करें। कहीं पर भी अनियमितता या गड़बड़ी पायी जाय, तो दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाय।
उप मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में ग्राम्य विकास विभाग में तैनात महात्मा गांधी नरेगा योजनान्तर्गत मण्डल स्तरीय प्राविधिक परीक्षक/स्टेट क्वालिटी मॉनिटर्स को ग्राम्य विकास आयुक्त द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वह मुख्यालय को प्रेषित रिपोर्ट में वृक्षारोपण के कार्यों की जांच का उल्लेख किया जाए। मनरेगा योजनान्तर्गत कराए जा रहे कार्यों पर उपयोग किये जाने वाले मैटेरियल के खरीद एवं प्रयोग की जांच हेतु एम०बी० में की गयी इन्ट्रीज़ की भी जांच की जाए। जनपदों द्वारा फर्जी मजदूरों के खाते में धनराशि भेजे जाने की शिकायत हो सकती है। इस हेतु मस्टर रोल के मजदूरों ने वास्तव में कार्य किया है या नहीं इसका आंकलन भी किया जाये।
यह भी निर्देश दिए गए हैं कि आदर्श रूप में मस्टर रोल को 30 प्रतिशत इंट्रीज की जांच होनी चाहिए। समस्त स्टेट क्वॉलिटी मॉनीटर माह में निरीक्षण के लक्ष्य के सापेक्ष 20 प्रतिशत लैब टेस्ट अवश्य कराएं। निरीक्षण के उपरान्त लैब टेस्ट कराकर स्टेट क्वॉलिटी मॉनीटर आख्या 15 दिवस में भिजवाए। लैब तक स्टेट क्वालिटी मॉनीटर स्वयं सैम्पल लेकर जायेंगे, ताकि कोई सैम्पल में परिवर्तन न कर सके। निर्देशित किया गया है कि मनरेगा योजनान्तर्गत कार्यों की जांच के समय दिये गये निर्देशों के अनुरूप अनिवार्य रूप से आवश्यक कार्यवाही करते हुए जांच रिपोर्ट में निर्धारित बिन्दुओं पर रिपोर्ट को सम्मिलित किया जाना सुनिश्चित किया जाए।