न्यूज ऑफ इंडिया ( एजेन्सी)
लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने प्रदेश में लगाये जा रहे 200 ऑटोमैटिक रेनगेज व 450 ऑटोमैटिक वेदर स्टेशन का शुभारंभ किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि स्वचालित मौसम स्टेशन (ए0डब्ल्यू0एस0) व (ए0आर0जी0) के विविध उपयोग हैं, ये स्टेशन न सिर्फ मौसम की रियल टाइम जानकारी उपलब्ध करायेंगे, बल्कि प्रारंभिक चेतावनी देने तथा आपदा पूर्व तैयारियों को भी बेहतर बनाने मे उपयोगी होंगे, जिससे कि समग्र आपदा प्रतिक्रिया को प्रभावी बनाया जा सकेगा। ये स्टेशन सीधे तौर पर बाढ़, गर्मी/लू, शीत लहर, सूखा, आंधी, तूफान, भारी वर्षा के प्रबंधन में लाभकारी होंगे। इस अवसर पर बताया गया कि वर्तमान में प्रदेश में मौसम विभाग के पास 69 स्वचालित मौसम स्टेशन (ए0डब्ल्यू0एस0) और स्वचालित यंत्र उपलब्ध हैं, जोकि प्रदेश की आपदा संवेदनशीलता को देखते हुये अपर्याप्त हैं। उक्त के दृष्टिगत राहत आयुक्त कार्यालय, राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में मौसम संबंधी ऑब्जर्वेशन प्रणालियों के संवर्धन की परियोजना आरम्भ की गयी है।
इस परियोजना के अंतर्गत राज्य में प्रत्येक तहसील में 01 व शहरी क्षेत्रों में सघन रूप से इस प्रकार कुल 450 स्वचालित मौसम स्टेशनों (ए0डब्ल्यू0एस0) और प्रत्येक ब्लॉक में न्यूनतम 02-02 इस प्रकार कुल 2000 स्वचालित रेन गेज स्टेशनों का एक नेटवर्क स्थापित किया जा रहा है ताकि मौसम संबंधी डेटा का बिना किसी मानवीय हस्तस्क्षेप के सीधे प्रसारण किया जा सके। ये स्वचालित मौसम स्टेशन (ए0डब्ल्यू0एस0) व स्वचालित वर्षामापी स्टेशन (ए0आर0जी0) मौसम संबंधी और पर्यावरण निगरानी के लिए रियल-टाइम और एडब्ल्यूएस तापमान, आर्द्रता, वायुमंडलीय दबाव, वर्षा, हवा की गति और हवा की दिशा जैसे सटीक जानकारी प्रदान करने के लिए वायुमंडलीय मापदंडों को मापने के लिए सेंसर से लैस हैं। सभी ए0डब्ल्यू0एस0 पर डेटा लॉगर्स को 15 मिनट (या जो समयांतराल निर्धारित किया जाय) के अंतराल पर इंटरफेस सेंसर का उपयोग करके मौसम संबंधी मापदंडों का माप लेने के लिए पूर्व-प्रोग्राम किया गया है। इस मौसम संबंधी डाटा को जी0पी0आ0एस0 मॉडेम के माध्यम से राहत आयुक्त कार्यालय में स्थित सर्वर पर तथा मौसम विभाग को भी प्रेषित किया जाता है।
स्वचालित मौसम स्टेशनों व रेनगेजे़ज से प्राप्त डाटा का उपयोग आपदा प्रबंधन, आपदा पूर्व तैयारी, मौसम पूर्वानुमान, जलवायु अनुसंधान, सूखा प्रबंधन और कृषि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जायेगा। इन स्टेशनों से मौसम के ट्रेंड के बारे में तथा जलवायु परिवर्तन के बारे में हमारी समझ बढे़गी और मौसम की चरम (Extreme Weather Events) घटनाओं का शीघ्र पता लगाने और निगरानी में मदद मिलेगी। राहत आयुक्त कार्यालय द्वारा इस डाटा को सभी जिलाधिकारियों, स्थानीय कर्मियों तथा आम जनमानस सहित अन्य स्टेकहोल्डर्स को भी प्रेषित किया जायेगा ताकि आपदाओं से निपटने के लिये पूर्व तैयारियाँ सुनिश्चित की जा सकें। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, प्रमुख स्टॉफ अफसर मुख्य सचिव अमृता सोनी, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार, एम0डी0 यूपीपीसीएल पकंज कुमार, राहत आयुक्त जी0एस0 नवीन कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।