लखनऊ। उ0प्र0 सेतु निगम के तहत प्रदेश में बन रहे और बनने वाले उपरिगामी सेतुओं की निगरानी के लिए ड्रोन कैमरे लगाने की तैयार चल रही है। ड्रोन कैमरों से सेतुओं के निर्माण कार्य पर बारीकी नजर रखी जायेगीं। निर्माण स्थल पर कार्य चल रहा है या नहीं, कितने मजदूर कार्य कर रहे हैं, मशीन चल रही है या नहीं इससे संबंधित समस्त जानकारी सेतु निगम के अधिकारी जब भी चाहेंगे ले सकेंगे और निर्माणाधीन सेतु के निर्माण कार्य की प्रगति को देख सकेंगे। ड्रोन कैमरे की रिकार्डिंग ऑनलाइन सरवर पर रहेगी और इससे किसी भी प्रकार की छेड-छाड़ नहीं की जा सकेगी। आवश्यता पड़ने पर पिछले दिनों की रिकार्डिंग को देखा जा सकेगा।उ0प्र0 सेतु निगम के प्रबंध निदेशक राकेश सिंह ने बताया कि प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद जी के निर्देश है कि प्रदेश में सेतुओं का निर्माण तय समय और गुणवत्तापूर्ण ढंग से सुनिश्चित किया जाये।
ड्रोन कैमरे से निर्माणाधीन सेतुओं की निगरानी एक क्रांतिकारी कदम होगा और लखनऊ से ही पूरे प्रदेश के निर्माणाधीन सेतुओं पर एक साथ नजर रखी जा सकेगी। उन्होंने बताया कि 50 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनने वाले सेतुओं की निगरानी के लिए ड्रोन लगाये जाने की योजना है।श्री सिंह ने बताया कि प्रदेश में 50 करोड़ से अधिक की लागत से 106 पुल निर्माणाधीन है। ड्रोन कैमरे से इन सभी पुलों के निर्माण कार्यों पर नजर रखे जाने की योजना बनाई गई है। कई पुलों पर इसका परीक्षण भी किया गया है और यह बहुत ही सफल रहा है। उन्होंने बताया कि ड्रोन लगाने पर सरकार को अतिरिक्त धनराशि नहीं खर्च करना पड़ेगा। कॉन्ट्रेक्टर अपने खर्च से ड्रोन तैनात करायेंगे। ड्रोन कैमरे लगने से सेतु निमग के साथ-साथ कॉन्ट्रेक्टर को भी काफी लाभ होगा। कॉन्ट्रेक्टर का हर समय पता रहेगा कि किस गति से निर्माण कार्य चल रहा है। ठेकेदार द्वारा कितनी मशीनरी और लेबर लगाकर कार्य कराया जा रहा है। इस नवाचार से निर्माण कार्यों में अप्रत्याशित गति आयेगी।