December 25, 2024 10:38 pm

उत्तर प्रदेश सरकार माटीकला के उत्पादों को लगातार दे रही है प्रोत्साहन – राकेश सचान

न्यूज ऑफ इंडिया (एजेन्सी)

लखनऊ। प्रदेश सरकार माटीकला के उत्पादों को लगातार प्रोत्साहन दे रही है। इस उद्योग से जुड़े हुए लोगों के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं, सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के चलते इन उत्पादों की बिक्री बढ़ रही है, लोगों को रोजगार मिल रहा है और उनकी आय भी बढ़ रही है। प्रदेश में माटी का प्रयोग कर मूर्तियां, खिलौने, बर्तन इत्यादि गृह उपयोगी एवं कलात्मक वस्तुएं बनाने का प्रचलन सदियों से रहा है। आज भी उत्तर प्रदेश में पर्याप्त संख्या में माटी कला शिल्पकार इस परंपरागत उद्योग में लगे हुए हैं। माटी कला के अंतर्गत निर्मित वस्तुओं को बढ़ावा देने एवं परंपरागत उद्योगों को नवाचार के माध्यम से संरक्षित/ संवर्धित करते हुए आधिकाधिक् कारीगरों को रोजगार से जोड़ने का काम उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड कर रहा है।


उत्तर प्रदेश के सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा तथा वस्त्र उद्योग मंत्री राकेश सचान ने यह बातें आज यहाँ उ0प्र0 खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड लखनऊ के परिसर में आयोजित माटीकला मेला 2023 के उद्घाटन के अवसर पर कहीं। इस अवसर पर उत्कृष्ट शिल्पकारों द्वारा निर्मित माटीकला उत्पादों की भव्य प्रदर्शनी के साथ-साथ माटीकला उद्योग के क्रियात्मक प्रदर्शन का अवलोकन भी किया। उ0प्र0 माटी कला बोर्ड, लखनऊ द्वारा दीपावली के शुभ अवसर पर 02 नवम्बर से 11 नवम्बर 2023 तक 10 दिवसीय माटीकला मेला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये शिल्पकारों एवं कारीगरों द्वारा 50 स्टॉल लगाकर मिट्टी से निर्मित अपनी उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन किया जा रहा है।


खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन में विभिन्न जनपदों से आये एवं प्रदर्शनी में प्रतिभाग कर रहे शिल्पकारों एवं कारीगरों का स्वागत करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा माटीकला बोर्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के माध्यम से प्रदेश में अब तक 47630 माटी कला कारीगर परिवारों को चिन्हित करते हुए 10592 विद्युत चालित चाक का वितरण किया जा चुका है। वर्ष 2023-24 में 3000 विद्युत चालित चाक वितरित करने का लक्ष्य है। इसके अतिरिक्त लक्ष्मी गणेश की मूर्ति निर्माण हेतु 603 जोड़ी डाई, 31 पेटिंग मशीन, 81 दिया मेकिंग मशीन के साथ ही प्रदेश में मिट्टी खोदने हेतु कुल 30634 माटी कला कारीगरों / परिवारों को पट्टों का वितरण किया जा चुका है।


राकेश सचान ने कहा कि मुख्यमंत्री माटीकला रोजागार योजना के अन्तर्गत विगत 4 वर्षों में 644 लाभार्थियों को बैंको के माध्यम से ऋण स्वीकृत कर इकाईयाँ स्थापित करायी जा चुकी है। वर्तमान वर्ष में 300 इकाईयों की स्थापना का लक्ष्य है। माटीकला कारीगरों के उत्साहवर्धन हेतु प्रदेश में विगत 4 वर्षो में मण्डल स्तर पर 216 एवं राज्य स्तर पर 12 कारीगरों को पुरस्कृत किया जा चुका है। इस वर्ष भी उत्कृष्ट कारीगरों को उनकी कलाकृतियों के लिए पुरस्कृत किया जायेगा। प्रदेश में अब तक पीलीभीत, रामपुर, कन्नीज, अमरोहा एवं बाराबंकी सहित कुल 5 कॉमन फैसेलिटी सेन्टर की स्थापना की जा चुकी है, जिसके अन्तर्गत माटीकला के छोटे-छोटे सामूहिक केन्द्र स्थापित कराकर उन्हे सुविधा सम्पन्न कराये जाने की दिशा में सरकार निरन्तर प्रयासरत है।


खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने इस अवसर पर लखनऊ जनपद के 05 माटीकला कारीगरों जिसमें गजराज, सुमन पत्नी श्री विष्णु कुमार, अवध कुमार, गुड़िया एवं सुमन पत्नीं श्री पंचम को निःशुल्क विद्युत चालित चाक का वितरण किया। मंत्री जी ने आम जनता से भी अपील की है कि दीपावली के शुभ अवसर पर इस प्रदर्शनी में अधिक से अधिक लोग आयें और शिल्पकारों द्वारा मिट्टी से निर्मित कलात्मक एवं आकर्षक कलाकृतियों की खरीदारी करें और इसका लाभ उठाये।
इस अवसर पर महाप्रबन्धक, मार्टीकला बोर्ड अरुण प्रकाश ने बताया कि मेले में विभिन्न जनपदों से आये पराम्परागत कारीगरों द्वारा निर्मित विभिन्न उत्पादों का भव्य प्रदर्शन एवं बिक्री की जा रही है। प्रदर्शनी में लगभग 50 स्टाल लगाये गये है. जिन्हें कारीगरों को निःशुल्क आवंटित किया गया है।

इस प्रदर्शनी में माटी कला से सम्बन्धित सभी प्रकार के उत्पाद उपलब्ध है। प्रदर्शनी का मुख्य आकषर्ण बोर्ड द्वारा वितरित डाई से निर्मित श्री लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, लखनऊ के सिरेमिक्स कलात्मक उत्पाद की लेक पॉटरी, गोरखपुर का टेराकोटा, कानपुर के मिट्टी से निर्मित वर्तन, खुर्जा से चीनी मिट्टी से बने उत्पाद व अन्य सजावटी सामान एवं विभिन्न प्रकार के डिजाइनर दिये तथा अलग-अलग जनपदों से विभिन्न विधाओं से निर्मित उत्पाद बिक्री हेतु उपलब्ध है।
इस अवसर पर उ0प्र0 माटी कला बोर्ड के सदस्य श्री हरेन्द्र प्रजापति, डा0 भगवानदास दक्ष प्रजापति, श्री अजीत प्रजापति, सतीश कुमार प्रजापति, निदेशक रेशम सुनील कुमार वर्मा, माटी कला बोर्ड के महाप्रबन्धक, अरुण प्रकाश तथा विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।

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