लखनऊ। प्रदेश के सभी परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर की बेसिक ट्रेनिंग दी जायेगी। साथ ही विद्यार्थियों को विद्यालय लेवल पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और कोडिंग भी सिखाई जाएगी। इससे विद्यालयों में डिजिटल लिटरेसी बढ़ेगी। इस योजना की पूरी रूपरेखा एससीईआरटी ने तैयार की है। एससीईआरटी ने राज्य पाठ्यचर्या (फाउंडेशनल स्टेज) को रिकॉर्ड समय में तैयार किया है। डिजिटल लिटरेसी से छात्रों में कम्प्यूटेशनल थिकिंग बढ़ाने में मदद मिलेगी। यह बाते बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित ओरिएंटेशन प्रोग्राम में बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कही।
कार्यक्रम में लखनऊ डायट सहित प्रदेश के सभी डायट के प्राचार्य और वरिष्ठ शिक्षक प्रवक्ता शामिल हुए। इस कार्यक्रम का उद्देश्य न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत डायट पर शिक्षा प्राप्त कर रहे प्रशिक्षकों को कैसे प्रशिक्षित किया जाए इस पर गहन चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि इसमें उच्च प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 6 से 8) के विद्यार्थियों को अब कम्प्यूटर सिखाने पर जोर रहेगा। इससे छात्र आगे चलकर तमाम चुनौतियों का सामना कर सकेंगे।प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे दोनों विभाग ऐसे दिए हैं जिसमें बड़ी जिम्मेदारियां हैं। मेरे पास पशुधन है और मदरसा शिक्षा।
इस समय मनुष्य में पशुता आ गई और पशुओं में क्रूरता आ गई। दोनों के अंतर को शिक्षा से ही दूर किया जा सकता है। शिक्षा इसलिए बहुत ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमारे पास मदरसा शिक्षा की जिम्मेदारी है और यह पहली बार हो रहा है जो बेसिक शिक्षा के साथ मदरसा शिक्षा को भी जोड़ा गया है। मंत्री ने कहा कि बच्चों का आधार प्रमाणीकरण कराया गया है। वर्तमान में प्रदेश के 16,513 मदरसों में 13,92,325 छात्र-छात्राएं पढ़ रहे हैं। मदरसों में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तकें उपलब्ध कराई जा रही हैं। अभी तक कुल 1275 मदरसों में कम्प्यूटर दिए जा चुके हैं। 7442 मदरसों में बुक बैंक, विज्ञान किट व गणित किट दिए जा चुके हैं।