जयपुर। जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने गुरुवार को पुलिस कमिश्नरेट में नजर ऐप लॉन्च की। इस ऐप के जरिए जयपुर पुलिस शहर के हर घर तक पहुंचेगी। जयपुर के हर घर में रह रहे नौकर और किरायेदारों का डिजिटल रिकॉर्ड बनाया जाएगा। इसके जरिए पुलिस जयपुर में छिपकर रहकर रहने वाले बाहरी बदमाशों की पहचान करेगी। इसके लिए अवैध- संदिग्ध वाहनों की पहचान की जाएगी।जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि जयपुर कमिश्नरेट में रहने वाले लोगों को अधिक सुरक्षित करने और पुलिस की पहुंच हर घर तक सुनिश्चित करने के इरादे से डोर टू डोर सर्वे ऐप लॉन्च की गई है। इस एप्लीकेशन का नाम नजर रखा गया है। यह ऐप व्यक्तिगत या वॉट्सऐप के द्वारा बीट कांस्टेबल को उपलब्ध करवाई जाएगी।
इस ऐप का उपयोग वही कांस्टेबल कर पाएगा, जिसको पुलिस कमिश्नरेट जयपुर की ओर से आईडी व पासवर्ड बना कर दिए जाएंगे। अब तक 499 यूजर आईडी और पासवर्ड बनाए जा चुके है। अभी 700 से 800 यूजर आईडी पासवर्ड बनाकर प्रत्येक बीट कांस्टेबल को उपलब्ध करवाए जाने हैं। जो एक से दो दिन में उपलब्ध करवा दिये जायेंगे।उन्होंने बताया कि जयपुर स्थित मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, होस्टल पर संबंधित पुलिस बीट कांस्टेबल द्वारा व्यक्तिगत रूप से पहुंचकर मालिक की सामान्य जानकारी ऐप में फीड करेगा। मकान, दुकान, होटल, ऑफिस, होस्टल में लगे हुए विद्युत कनेक्शन के बिल का के नंबर इसमें डालेगा।
यहां रह रहे नौकर व किरायेदारों की जानकारी जैसे फोटो, आधार कार्ड नम्बर (प्राथमिकता), अन्य आईडी प्रूफ, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या आदि की जानकारी इस ऐप में अपलोड करेगा। बीट कांस्टेबल की ओर से दर्ज की जाने वाली जानकारी को डिजिटली वेरीफाई किया जाएगा। बीट कांस्टेबल द्वारा सम्पूर्ण कार्य होने पर सर्वे रफ्रेस नंबर (मय पीडीएफ लिंक) संपत्ति स्वामी के मोबाइल नंबर पर एसएमएस के द्वारा पहुंच जाएगा।जयपुर कमिश्नर ने बताया कि इस ऐप के लिए सात तरह के यूजर अलग बनाए गए हैं। इन यूजर्स के द्वारा बीट स्तर पर किए गए कार्य का सुपरविजन किया जा सकेगा। इसमें एक मॉनिटरिंग अधिकारी भी रखा जाएगा। जो समय-समय पर बीट कांस्टेबल के किए गए काम का आकलन करेगा।