मदन सिंह
लखनऊ : कृषि मौसम वैज्ञानिक एसएन सुनीलपांडेय ने जानकारी देते हुए अभिनव प्रभात न्यूज़ के उप संपादक मदन सिंह को बताया कि गेंहू की पैदावार बढ़ाने वाला प्लांट ग्रोथ रेगुलेटरकृषि मौसम वैज्ञानिक के अनुसार गेहूं की उन्हीं किस्मों में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का प्रयोग करना है। जिन किस्मों की लम्बाई अधिक होती है। जैसे DBW-303, WH-1270, DBW-187, DBW-222, DBW-327 आदि किस्में। अगर आपने इन किस्मों में से किसी भी किस्म की बिजाई अक्टूबर के आखिरी सप्ताह और नवंबर के पहले सप्ताह में की गई है। और अपने गेहूं की बिजाई के समय डेढ़ गुना खादों (यानि 80kg DAP और 3 से 4 बैग यूरिया) का प्रयोग किया गया है। तो आपको इस स्प्रे को अपनी गेहूं की फसल में कर सकते हैं। यह सप्रे आपकी गेहूं की फसल को के कद को 9 से 10 इंच कम कर देता है। जिससे वह गिरती नहीं है। अत्यधिक खाद देने से गेहूं के पौधे नरम पड़ने लगते हैं। और उनकी लंबाई भी अधिक हो जाती है। इसके लिए वृद्धि नियंत्रक का प्रयोग किया जाता है।गेहूंसे में गुड़ के साथ डालें ये शानद*गेहूं में प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर का प्रयोग कब करें*किसान साथियों वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग इन किस्मों में आपको दो बार करना है। पहला स्प्रे आपको 50 से 55 दिन की फसल पर करना है। और दूसरा स्प्रे आपको 80 से 85 दिन पर करना है। जब आपको आपकी गेहूं की फसल घास जैसी दिखाई दे और उसमें जमीन न दिखे। तब ही आप वृद्धि नियंत्रकों का प्रयोग करें। अन्यथा आपने अगर इन किम में से किसी किस्म की बिजाई रेतली जमीन या हल्की मिट्टी में की है। तो आपको इनमें से किसी भी दवाई का प्रयोग करने की कोई आवश्यकता नहीं है।कृषि मौसम वैज्ञानिक