मदन सिंह
मौसम अपडेट : मौसम विभाग के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ0एस0 एन0 सुनील पांडेय ने अभिनव प्रभात न्यूज़ को मौसम की जानकारी देते हुए बताया किअक्तूबर का महीना खत्म होने जा रहा है, लेकिन कानपुर मण्डल ,दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में सर्दी ने अभी तक दस्तक नहीं दी है। मौसम विभाग ने शुक्रवार को बताया कि भारत में अक्तूबर 1901 के बाद सबसे गर्म रहा। इस महीने में औसत तापमान सामान्य से 1.23 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। विभाग ने नवंबर में भी गर्मी का पूर्वानुमान लगाया, लेकिन आने वाली सर्दियों के बारे में कोई संकेत नहीं दिया। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार गर्म मौसम के लिए पश्चिमी विक्षोभ की अनुपस्थिति और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय कम दबाव प्रणालियों को जिम्मेदार ठहराया।मौसम विशेषज्ञ डॉ यस०यन०पांडेय आर ने कहा कि अक्टूबर में औसत तापमान 26.92 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1901 के बाद से सबसे गर्म तापमान है, जबकि सामान्य तापमान 25.69 डिग्री सेल्सियस होता है। न्यूनतम तापमान भी पूरे देश के सामान्य तापमान 20.01 डिग्री सेल्सियस के मुकाबले 21.85 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। महापात्रा ने कहा, “उत्तर-पश्चिमी भारत में, तापमान में गिरावट के लिए उत्तर-पश्चिमी हवाओं की आवश्यकता होती है। मानसूनी प्रवाह भी देखा गया है, जो तापमान में गिरावट नहीं होने देता।”उन्होंने कहा कि कम से कम अगले दो सप्ताह तक उत्तर-पश्चिमी मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से 2-5 डिग्री ऊपर बना रहेगा, जिसके बाद इसमें धीरे-धीरे गिरावट आएगी। महापात्रा ने कहा कि मौसम कार्यालय नवंबर को सर्दियों के महीने के रूप में नहीं गिनता है। उन्होंने कहा कि जनवरी और फरवरी सर्दी के महीने माना जाते हैं, जबकि दिसंबर में ठंड के संकेत मिलते हैं। दक्षिणी प्रायद्वीप में, उत्तर-पूर्वी मानसून के कारण नवंबर में तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, रायलसीमा, केरल और माहे और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में सामान्य से अधिक वर्षा होने की उम्मीद है।मौसम कार्यालय ने कहा, उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। मौसम कार्यालय ने कहा, उत्तर पश्चिम भारत और मध्य भारत के कुछ इलाकों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है।विज्ञापनमौसम विभाग का कहना है कि, भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में तटस्थ अल नीनो स्थितियों के निरंतर प्रचलन के कारण ठंड के मौसम की शुरुआत में देरी हो सकती है। मौसम विभाग ने कहा कि पूर्वानुमान नवंबर-दिसंबर के दौरान धीरे-धीरे ला नीना स्थितियों के विकसित होने की अधिक संभावना दर्शाता है। आईएमडी ने कहा, ईएनएसओ (अल नीनो-दक्षिणी दोलन) की स्थिति धीरे-धीरे नकारात्मक दिशा की ओर बढ़ रही है और दिसंबर तक ला नीना की स्थिति बन सकती है। आईएमडी ने स्वीकार किया कि दुनिया भर में मौसम पूर्वानुमान एजेंसियों के इस साल अल नीनो पूर्वानुमान गलत साबित किए हैं। बता दें कि, सर्दियों के महीनों में ला नीना के कारण अफगानिस्तान, ईरान और हिंदू कुश पहाड़ों में बहुत ठंडी जेट स्ट्रीम बहती है। ये तेज और ठंडी हवाएँ भारत में ठंड की मात्रा को प्रभावित करती हैं